मुंगेर में नौवागढ़ी मौजा के भू-स्वामीयो ने अतिक्रमण कारियो से अपनी-अपनी जमीन की रक्षा के लिए बुलाया प्रेस कॉन्फ्रेंस और पत्रकारों से कहा जिन लोगों को हमने शरण दिया आज वही लोग हमारी जमीन हमसे छीन रहे है और जिला प्रशासन मूकदर्शक बन तमाशा देख रही है।
मुंगेर में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बांक गांव स्थित पूर्व मुखिया बेबी देवी के आवास पर नौवागढ़ी मौजा के भू-स्वामीयो ने अतिक्रमण कारियो से अपनी-अपनी जमीन की रक्षा के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाया जिससे उनकी बात जिला प्रशासन के आला अधिकारियों तक पहुंच सके, भू-स्वामी विजय सिंह ने पत्रकारों को बताया कि चड़ौन के बाबू गजाधर सिंह के नाम से नौवागढ़ी मौजा में 84 बीघा जमीन थी। जिसके पटवन के लिए इसी भू-खंड के 12 एंकड़ 62 डिसमिल ग मालिकाना जमीन पर तालाब बनाया गया। तब अंग्रेजों के जमाने में जमींदारों को लोग रायबहादुर कहा करते थे। जिसके कारण उक्त तालाब को लोग राय पोखर के नाम से पुकारने लगे, जो आज तक कायम है। इस जमीन का जमांबंदी हम लोगों के पूर्वज के नाम से है और अद्यतन रसीद भी कट रहा है। राय पोखर के समीप दियार से आकर जो लोग बसे हैं, उसे भी हमलोगों ने ही 1990-92 में जमीन दिया है। लेकिन अब उनलोगों की नजर राय पोखर पर गड़ गई है। ये लोग राय पोखर की जमीन का अतिक्रमण कर वहां पर झोपड़ी देकर अवैध कब्जा करने लगे हैं। हमलोगों ने जब इसका विरोध करना शुरु किया तो ये लोग इस पर कब्जा जमाने के लिए नया-नया प्रोपगेंडा बना रहे हैं। जिससे कोई लाभ होने वाला नहीं है। वैसे भी लिखतम के आगे वकतम नहीं चलता है। बताया गया कि वर्ष 1928 में ही तौजी नंबर 4513 को 3 भागों में बांट कर रेंट फिक्शेशन किया गया। 1951-52 में बिहार सरकार ने गजाधार बाबू के वंशज को बराबर जमीन बांट कर दाखिल कराया। हमारे एक फरीक द्वारा अपने जमीन का हिस्सा 1990 में गढ़ीरामपुर निवासी महावीर सिंह के नाम से बिक्री किया गया। पुन: 2013 में उक्त जमीन का मेरे हिस्सेदारों द्वारा केवाला किया गया। जिसका अब तक का रसीद कटा हुआ है। ऐसे में यदि कोई प्रशासन को यह कहकर बड़गलाए कि यह गैर मंजरुआ जमीन है तो यह पूरी तरह से गलत है। प्रेस वार्ता के दौरान मनन सिंह, टुनटुन सिंह शंभु यादव सहित अन्य भू-स्वामी मौजूद थे।