पितृपक्ष मेला 2023 के सफल आयोजन हेतु की जा रही तैयारी को लेकर किया गया निरीक्षण।

Patna Desk

 

मोक्ष भूमि गया जी की धरती पर पितरों की मुक्ति की कामना लेकर आने वाले देश विदेश से लाखो लाख तीर्थयात्रियों द्वारा गया के विभिन्न प्रमुख विधियों पर पिंडदान का कार्य किया जाता है। गया के प्रमुख वेदियो में प्रेतशिला , रामशिला, देवघाट , अक्षय वट , विष्णुपद सहित 54 वेदियों पर विशेष रूप से श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान तर्पण करने आते हैं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष पितृपक्ष मेला का आयोजन 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक निर्धारित है। उक्त पितृपक्ष मेला के सफल आयोजन के लिए सभी आवश्यक कार्य निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण कर ले।

प्रेतशिला वेदी स्थल निरीक्षण के दौरान बताया गया कि पृथ्वी पक्ष मेला के तीसरे दिन यहां अत्यधिक भीड़ होता है। कार्यपालक अभियंता पीएचईडी द्वारा बताया गया कि प्रेतशिला में इस वर्ष पेयजल की विशेष व्यवस्था रखी जायेगी, पानी की कोई समस्या न हो इसे ध्यान में रखते सभी तैयारी अभी से ही शुरू कर ली गयी है। प्रेतशिला में पूर्व में 11 टॉयलेट बनाए गए हैं इसके साथ ही 10 अतिरिक्त टॉयलेट का निर्माण कराया जा रहा है साथ ही स्नानागार के चारों ओर अस्थाई घेरा देने का कार्य किया जा रहा है। यहां पेयाऊ के साथ साथ स्टैंडपोस्ट भी पर्यपत संख्या में है। स्नानागार को भी फंक्शनल करवाया जा रहा है। डीएम ने कहा कि सभी व्यवस्था को दुबारा जांच कर ले कि कहि कोई पानी का सप्लाई बंद तो नही।

जिला पदाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी सदर को निर्देश दिया कि प्रेतशिला वेदी के समीप यदि कहीं रास्ता अतिक्रमण है तो उसे अतिक्रमण वाद चलाते हुए अतिक्रमण मुक्त करावे।

उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी को कहा कि प्रेतशिला धर्मशाला को हैंडोवर लेते हुए गेट लगवाए साथ ही खिड़कियों में जाल लगे ताकि यात्रा गंदगी भी न फैले और आसामाजिक तत्वों का जमावड़ा भी ना रहे।

उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारी नगर एवं जिला पर्यटन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि रामशिला, प्रेतशिला तथा अन्य महत्वपूर्ण वेदियों के समीप रोशनी की मुकम्मल व्यवस्था रखें।

प्रेतशिला सरोवर के निरीक्षण के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सरोवर की पूरी सफाई की व्यवस्था रखें बताया गया कि यह सरोवर लगभग 10 फीट गहरा है। उन्होंने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को निर्देश दिया कि 10 से 15 सितंबर के बीच में तालाब के पानी को साफ करवाएं इसके साथ ही पितृपक्ष मेला अवधि में जब पानी गंदा हो जाए तो उस दौरान भी यात्रियों के आवागमन को ध्यान में रखकर उक्त तिथि में भी सरोवर के पानी को निकालकर हाई स्पीड वाले मोटर से पानी भरने की व्यवस्था रख लें ताकि तीर्थ यात्रियों को शुद्ध पानी थी पूरे पितृपक्ष मेला के अंतिम अवधि तक मिल सके।

वरीय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस स्थान पर सुरक्षा व्यवस्था का मुख्य इंतजाम रहेगा। वाहन पार्किंग के लिए इस बार विशेष व्यवस्था रखने पर अभी से ही कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिए। प्रेतशिला में ट्रैफिक व्यवस्था स्मूथ रखने के उद्देश्य से ट्रैफिक प्लान अच्छे तरीके से बनावे तथा उसे अनुपालन करावे।

प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्र के पास बड़े आकार का भूखंड है उसे समतल कराने की आवश्यकता है। समतल कराने से लगभग 200 छोटी वाहन का पड़ाव हो सकता है। उन्होंने मनरेगा तथा आरसीडी विभाग के अभियंता को निर्देश दिया कि जेसीबी एवं अन्य उपकरण के माध्यम से पहाड़ के तलहटी को समतल करवाएं, ताकि अधिक से अधिक छोटे वाहन पार्क हो सके। जिला पदाधिकारी ने कहा कि पार्किंग स्थान पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था के साथ-साथ टॉयलेट एवं पेयजल की व्यवस्था मुकम्मल रखें।

इस वेदी स्थल पर प्रमुखता से सफाई की व्यवस्था और स्थानीय मुखिया के माध्यम से स्वच्छता ग्रही से करवाएं इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अच्छी गुणवत्ता वाले पर्याप्त संख्या में डस्टबिन पितृपक्ष मेला के पहले लगवाएं। इसके पश्चात प्रेतशिला में प्रस्तावित निर्माण किये जा रहे रोपवे का निरीक्षण जिला पदाधिकारी तथा वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा किया गया। उपस्थित अभियंता द्वारा बताया गया कि राजगीर के अनुरूप 4 शीटर वाला रोपवे बनाया जा रहा है इसकी लंबाई 283 मीटर एवं ऊँचाई 140 मीटर है। यह रोपवे वर्ष 2026 तक पूर्ण करने का अनुमान्य है। प्रेतशिला में कुल 676 सीढिया हैं।

रामशिला वेदी के निरीक्षण के दौरान उन्होंने सरोवर के गंदे पानी को देखते हुए नगर निगम को निर्देश दिया कि तालाब के गंदगी को जाल के माध्यम से छांनते हुए साफ करवाएं साथ ही उन्होंने कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को सरोवर के ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने का निर्देश दिया ताकि गंदे पानी आसानी से निकल सके। उन्होंने कहा कि बोरिंग के माध्यम से शुद्ध पानी तालाब में डालने का कार्य करें। 10 से 15 सिंतबर तक तालाब को सफ़ाई करवाने को कहा ताकि पूरा शुद्ध पानी तीर्थयात्रियों को मिले। श्रद्धालुओं को असुविधा के लिए सरोवर के चारों ओर लोहे की रेलिंग को मरम्मत करा दें ताकि किसी प्रकार का कोई हताहत ना हो। उन्होंने जिला आपदा पदाधिकारी को निर्देश दिया कि रामशिला सरोवर में एसडीआरएफ/ गोताखोर की टीम प्रतिनियुक्त रहे। यह तालाब लगभग 12 फ़ीट गहरा है। तालाब में लगे झरना को ठीक करवाने को कहा। रामशिला वेदी में भी पेयजल, टॉयलेट इत्यादि की पूरी व्यवस्था रखने को कहा। तालाब के अंदर ज्यादा गहराई में यात्री जा जाए उसके लिये पानी के अंदर से रस्सी से बैरिकेडिंग करवाने को कहा साथ ही लाल झंडा भी प्रदर्शित करवाने को कहा।

निरीक्षण के दौरान बताया गया कि मेला क्षेत्र के कुल 8 तालाब ऐसे हैं जहां पिंडदान तर्पण हेतु अधिक संख्या में आते हैं उन सभी तालाबों में पर्याप्त संख्या में गोताखोर की प्रतिनियुक्ति रखी जा रही है। सभी तालाब के चारों ओर बैरिकेडिंग करने का भी कार्य किया जा रहा है।

रामशिला वेदी चढ़ने वाले चिड़ियों के समीप टूटे-फूटे टाइल्स तथा नाले के ढक्कन को मरम्मत करवाने हेतु निर्देश दिए गए साथ ही पेयजल हेतु प्याऊ तथा पर्याप्त संख्या में शौचालय निर्माण तेजी से करवाने हेतु निर्देश दिए।

कार्यपालक अभियंता बुडको एवं कार्यपालक अभियंता आरसीडी को निर्देश दिया कि पितृपक्ष मेला को ध्यान में रखते हुए गया पटना के यह मुख्य सड़क है। इस रामशिला रोड को हर हाल में 15 दिनों में सड़क निर्माण करवाने का अंतिम निर्देश दिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शहर के जहां भी सड़क कांटे गए है, सड़कों को रिस्टोर करते हुए तेजी से सड़क निर्माण कार्य करवाएं ताकि तीर्थ यात्रियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। उन्होंने कहा कि अधिकांश यात्री पैदल ही मेला क्षेत्र घूमते हैं इसे ध्यान में रखते हुए तेजी से रिस्टोर करावे।

कागवली वेदी निरीक्षण के दौरान रास्ता, नाली इत्यादि को लेबलिंग करवाने को कहा। आस पास के पूरे रास्ता को साफ एवं समतल करवाने को कहा।

निरीक्षण में अपर समाहर्ता राजस्व, सहायक समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी सदर, अपर पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक यातायात, वरीय उप समाहर्ता अभिषेक कुमार/ रविन्द्र कुमार दिवाकर, ज़िला परिवहन पदाधिकारी, विभिन्न विभाग के अभियंता सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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