NEWSPR डेस्क। पूर्णिया के शिक्षा विभाग में बड़ी गड़बड़ी की गई। जिसमें नियोजित हुए अभियर्थियों को 6 माह बाद रद्द किया गया है। वो भी तब जब ये अभियार्थी अपने योगदान के लिए तैयार बैठे थे। इन पर आरोप प्रत्यारोप के बीच नियोजित अभियर्थियों ने ज़िला शिक्षा पदाधिकारी का घेराव कर पुरज़ोर हंगामा किया और अब सार्थक वार्ता संपन्न हुई।
2021 के जुलाई और अगस्त में नियोजित शिक्षक अभियर्थियों की काउंसलिंग हुई थी। जिसके बाद पूर्णिया से हज़ारों शिक्षकों का नियोजन हुआ। तब से लेकर सभी अभियर्थी अब योगदान देने के इंतज़ार में बैठे ही थे कि इनमें से करीब 300 नियोजित अभियर्थियों के नियोजन रद्द करने की अनुशंसा का पत्र जारी हो गया। इस पत्र के मिलते ही इन अभियर्थियों में खलबली मच गई और कूच कर गए शिक्षा विभाग के कार्यालय। जहां पर पहले जमकर हंगामा बरपा। आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया और शिक्षा विभाग पर संगीन आरोप लगने शुरू हो गए।
जिसके बाद हंगामे को शांत कराया गया और नियोजित शिक्षकों के प्रतिनिधियों के साथ सदर अनुमंडल पदाधिकारी व सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के समक्ष ज़िला शिक्षा पदाधिकारी से वार्ता तय हुई। नियोजित शिक्षकों की तरफ से गोप गुट के अध्यक्ष अरविंद सिंह और 3 नियोजित शिक्षक वार्ता में शामिल हुए। वार्ता संपन्न होने के बाद अरविंद सिंह ने बताया कि जिला शिक्षा पदाधिकारी की तरफ से सार्थक वार्ता हुई है। जो आदेश जारी हुआ उसे वापस लेने में परेशानी आएगी इसलिए एक नया मेमोरेंडम सौंपा जाए। जिसे विभाग को लिखित देकर नियोजन को पुनः लागू करवाया जाएगा। वार्ता से सहमत नज़र आए अरविंद सिंह ने इस पूरे मामले में विभाग की गलती बताई है ।
वहीं इस मामले ने ज़िला शिक्षा पदाधिकारी श्याम बाबू राम ने बताया कि जुलाई और अगस्त में हुए शिक्षक नियोजन में कुल 52 पंचायतों के अभियर्थियों के नियोजन के रद्द करने की अनुशंसा हुई है। जिसके लिए 3 सदस्यी जांच टीम ने रिपोर्ट सौंपी थी । इस रिपोर्ट में पाई गई त्रुटि के आधार पर कार्रवाई हुई है। आज वार्ता हुई है जिसमें नियोजित शिक्षकों को मेमोरेंडम देने कहा गया है । इसपर विभाग को लिखित देंगे और भरोसा दिलाया है सबको नियोजित किया जाएगा।
पूर्णिया संवाददाता पारस सोना