NEWSPR DESK भागलपुर सालाना लगभग 500 करोड़ का सिल्क कारोबार करने वाला भगैय्या इलाका गोड्डा में है। भगैय्या सिल्क की ख़ासियत के बारे में गोड्डा लोकसभा के सांसद डॉ निशिकांत दुबे बताते हैं कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगैय्या में बने सिल्क चादर को अमेरिका के राष्ट्रपति जे. बाइडेन को भेंट किया है। और जब जब पीएम मोदी का आगमन दुमका और देवघर हुआ तो अंगवस्त्रम में भगैय्या का सिल्क चादर ही रहा।चाहे अमित शाह जी को हो, राजनाथ सिंह जी को हो या फिर शिवराज सिंह चौहान साहब को हो, स्वागत में भगैय्या का सिल्क चादर ही रहा।
अब आप भगैय्या सिल्क की कारुणिक कहानी को देखें। आज भी भगैय्या इलाके में रेशम के कोकून से सिल्क रेशा निकालने के लिए महिलाएं अपनी जांघ पर कोकून से रेशम का धागा निकालती हैं। उस धागे की लड़ी बनाने वालों के शरीर पर कपड़ा तक नहीं होता है। जिस घर में सिल्क का कपड़ा तैयार हो रहा है उसके घर को भी देख लीजिये करीब से। जब मौसम चुनाव का था तो दिल में कोमल भावना से कमल छाप सिल्क चादर पर उकेरा जा रहा था। गुनगुनाया भी जा रहा है कि हमको मिली है ये घड़ियां नसीब से..लेकिन जब 500 करोड़ का सालाना कारोबार सिल्क का भगैय्या में है तो घर घर सिल्क की खूबसूरती को निखारने में मधुबनी और मंजूषा पेंटिंग की नक्काशी हो रही है। ताकि बाज़ार में सिल्क की रौनक और डिमांड बना रहे। लेकिन वैसा अभी तक नहीं हो पाई है।
पेट के ख़ातिर भगैय्या में आपने देखा कि जांघ पर रगड़कर कोकून से रेशम का मुलायम मखमली रेशा महिलाएं निकाल रही हैं तो इसी पेट के ख़ातिर रैम्प पर महिलाएं सिल्क कपड़े को पहिनकर कैटवॉक भी कर रही हैं। गोड्डा के सांसद निशिकांत जी कहते भी हैं कि आने वाले समय में भगैय्या के सिल्क का भाग्योदय होना तय है।