राजीव
खगड़ियाः जिले में बागमती और कोसी उफान पर है।बाढ़ से जिले के दर्जनो घर नदी में विलीन हो गया, वहीं बड़ी आबादी बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं। अब स्थिति ऐसी है कि जिले की एक बड़ी आबादी दहशत के माहौल में जी रही है।
प्रशासन से नहीं मिल रही मदद
बाढ़ में फंसे लोगों का कहना है कि उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं है, प्रशासन से भी किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल रही है। कुछ लोगों ने बताया कि बाढ़ के कारण खेती भी चौपट हो चुकी है, मवेशियों के लिए चारे की भी समस्या हो गई है। ऐसे में उनके सामने अब कोई दूसरा विकल्प नहीं रह गया है।
लगातार बढ़ रहा है दबाव
जिले में कोसी और बागमती नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जिससे अबतक बाढ़ से बचे गांवो में भी बाढ़ ने दस्तक दे दिया है। नदी में हो रहे कटाव का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि अलौली के लोहरबा गांव में विशाल पीपल का पेड़ कुछ ही पल में नदी में समा गया।