NEWS PR DESK- बिहार सरकार ने राज्य में 45,000 से भी अधिक गांवो में लैंड सर्वे यानी भूमि सर्वेक्षण शुरू कर दिया है. अब सवाल यह है कि अगर आपके पास पुस्तक जमीन के कागजात नहीं है तो फिर आपको क्या करना है?
अगर आपके जमीन का दस्तावेज दादा या परदादा के अलावा किसी ऐसे व्यक्ति के नाम पर है, जिनका निधन हो चुका है. ऐसी स्थिति में उस व्यक्ति के जितने वारिस हैं, सभी का नाम सर्वे में चढ़ाए जाएगा. इसके लिए पंचायत की ग्राम सभा से पारित वंशावली लगानी होगी. वहीं जमीन मालिक का मृत्यु प्रमाण पत्र भी देना होगा.
अगर पैतृक संपत्ति का कोर्ट में विवाद चल रहा है, तो दस्तावेज में जो अभी मालिक है, उसका नाम सर्वे में चढ़ा दिया जाएगा, हालांकि इस दौरान कोर्ट केस का नंबर भी दर्ज किया जाएगा. अगर बाद में कोर्ट का फैसला आएगा,तो फिर उसके आधार पर संशोधन कर दिया जाएगा.वही आपको बता दे की पंचायत से वंशावली भी बनवाकर देनी होगी. इसके लिए पांच गवाहों की भी जरूरत पड़ेगी. साथ ही अगर रजिस्ट्री नहीं है और खातियान में भी जानकारी नहीं मिल रही है, तो जमीन से जुड़ी कोई पुरानी रसीद है, तो वो भी सर्वे में मान्य होगा.