भागलपुर में लंपी महामारी से परेशान पशुपालक, जिले में 3 हज़ार से ज्यादा पशु बीमार 4 दर्जन बेजुबानों की मौत।

Patna Desk

 

 

भागलपुर जिले में पशुओं के बीच लंपी वायरस एक महामारी के तौर पर अपना पांव पसार रही है, जिले में अब तक लंपी से 3 हज़ार से ज्यादा पशु बीमार हो चुके हैं वहीं चार दर्जन से अधिक बेजुबानों की मौत भी हो चुकी है लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि इसके बावजूद भी पशुपालक इलाज के लिए पशु अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, न तो लोगों को इलाज की जानकारी है और न ही विभाग जागरूकता के लिए कोई ठोस पहल कर रहा है। जिले में लगातार लंपी से संक्रमित पशुओं की संख्या बढ़ती जा रही है, इसके जद में अब तक शहरी इलाकों के अलावा सबौर, सनहौला, शाहकुंड, खरीक कहलगांव, नारायणपुर, जगदीशपुर, सुल्तानगंज आदि क्षेत्र भी बढ़ रहा है। अब तक 40 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। लेकिन सरकारी स्तर पर इसके रोकथाम को लेकर अभी तक कोई पहल नहीं की गई है। सुल्तानगंज प्रखंड के नयागांव निवासी मुकुनदेव झा की बछिया ऐसी बीमारी से ग्रसित थी जिसकी बुधवार देर रात मौत हो गई। हालांकि पशुपालन विभाग का कहना है की यह बीमारी पशुओं को अपना शिकार जरूर बना रही है लेकिन मौत की दर नहीं के बराबर है।

जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ रणधीर कुमार ने बताया कि यह वायरस से संबंधित रोग है जिसके लिए विभाग द्वारा भागलपुर जिला समेत पूरे बिहार में वैक्सीनेशन करवाया गया है, इसके बावजूद बहुत संख्या में जिले में लंपी वायरस फैल रहा है, यह इस बीमारी का नया स्ट्रेन हो सकता है। हालांकि इस बीमारी से कई पशु ग्रसित हो रहे हैं लेकिन इसमें मृत्यु दर नहीं है। लेकिन पशुपालक पशु अस्पताल तक नहीं आ पाते हैं लेकिन यहां इसकी दवाइयां उपलब्ध है। लोगों से या आग्रह करेंगे की यदि ऐसे लक्षण दिखे तो आप अस्पताल पहुंचे यहां बहुत ही सस्ते दर में इलाज हो जाएगा।

वही वायरस के संबंध में जिले के भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी गोपाल कृष्ण कन्हैया ने बताया की बहुत सारे घरेलू नुस्खे को जिसे अपनाकर हम इस बीमारी से पशुओं को बचा सकते हैं, जैसे नीम के पत्ते को पानी में उबालकर फिर उसे ठंडा कर बीमार पशुओं के शरीर पर लगा सकते हैं, ज्यादा तर बीमारी मच्छर के काटने से होती है इसलिए अपने पशु सेड में धुंआ कर रखें और पशुओं को मच्छर से बचाए। बरसात के दिनों में इसका प्रकोप ज्यादा रहता है। पशुपालन विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी में कुछ होम्योपैथिक दवाई भी है जिससे इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है। यह दवाई काफी सस्ता भी होता है।

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