मुजफ्फरपुर/वैशाली : सबसे पहले बात करते है मुजफ्फरपुर की – भाजपा से दो सांसद रहे अजय निषाद ने 2019 में वीआईपी से उम्मीदवार रहे डॉ राजभूषण चौधरी निषाद को पराजित किया था फिर डॉ राजभूषण चौधरी निषाद को बीजेपी प्रदेश में जगह दी गई और अब 2024 में सिटिंग सांसद अजय निषाद का टिकट कट कर डॉ राजभूषण चौधरी निषाद को मुजफ्फरपुर से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया. इधर निवर्तमान सांसद के टिकट कट जाने से समर्थकों में आक्रोश देखने को मिला, जब बीते दिन भाजपा कार्यालय के समीप समर्थकों में नित्यानंद राय के मुर्दाबाद के नारे लगाए और पुतला फूंका. निवर्तमान सांसद के टिकट कटने से दबे जुबान कई भाजपा कार्यकर्ता भी इसका विरोध करते दिखे?. अब ये भी बातें निकलकर सामने आ रही है की अजय निषाद ने खुद को बीजेपी से अलग कर लिया है क्योंकि उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर बीजेपी और पीएम मोदी की तस्वीर को बदल दिया. अब ऐसे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे है, वही अगर सूत्रों की माने तो अजय निषाद कांग्रेस में शामिल हो सकते है और कांग्रेस के सिंबल से मुजफ्फरपुर लोकसभा से मैदान में उतर सकते है?. अब ऐसे में बड़ा सवाल ये खरा होता है की क्या मुजफ्फरपुर की राजनीतिक अलग रुख अपना रही है!!.
अगर बात करें वैशाली की तो वैशाली लोकसभा क्षेत्र एक ऐसा लोकसभा क्षेत्र बन गया था जिसपर एक नही बल्कि कई चेहरे सीट को लेकर अपनी अपनी दावेदारी दिखाते नजर आए थे हालाकि चिराग पासवान ने फिर से सिटिंग सांसद वीना देवी को ही टिकट दिया है. लेकिन क्या इस निर्णय से पार्टी को जनता का समर्थन मिलेगा?. आपको बता दें की 2019 में वीणा देवी ने एलजेपी (रा) के पार्टी से चुनाव लड़ी और वैशाली की सांसद बन गई लेकिन फिर एलजेपी (रा) पार्टी से खुद को अलग कर पशुपति पारस की पार्टी में शामिल हो गई, हालाकि पुनः एलजेपी (रा) में लौट आई. लेकिन बिहार की राजनीतिक में एक समय ऐसा भी आया था की जब चिराग पासवान अकेले हो गए फिर “बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट” कांसेप्ट लेकर लोगो के बीच पहुंचाना शुरू किया, इसी बीच कई चेहरे निकल कर सामने आने लगे जो वैशाली से अपनी दावेदारी पेश करने लगे और जनता के बीच दिखने लगे लेकिन फिर सभी पर विराम लग गया और एलजेपी (रा) पार्टी ने निवर्तमान सांसद वीणा देवी को टिकट दे दिया गया, लेकिन चिराग पासवान के इस निर्णय से वैशाली की जनता कितनी हद तक सही मानती है ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा!