NEWSPR DESK – कैमूर,भूमि अधिग्रहण में की गई विसंगतियों को दूर करने के लिए किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर जिला अध्यक्ष विमलेश पांडेय के नेतृत्व में मंत्री संतोष कुमार सिंह से मुलाकात की गई। मंगलवार को सुबह किसान संघर्ष मोर्चा कैमूर के जिला अध्यक्ष विमलेश पांडेय के नेतृत्व में महासचिव पशुपति नाथ सिंह, सचिव अनिल सिंह, विकी सिंह, अमित रंजन सिंह, अभिमन्यु सिंह, अध्यक्ष भारतीय किसान यूनियन कैमूर ने संतोष कुमार सिंह कैबिनेट मंत्री श्रम संसाधन विभाग बिहार सरकार के निवास स्थान जिले के बघीनी गांव में मुलाकात कर अपनी समस्याओं को रखा। लोकसभा चुनाव के पहले विधानसभा सत्र में विधान परिषद सदस्य संतोष कुमार सिंह ने भूमि अधिग्रहण की विसंगतियों को दूर करने विधानसभा समिति गठित करने एवं सर्किल रेट बढ़ाने की मांग जोरदार तरीके से उठाई थी। विधानसभा सत्र में संतोष कुमार सिंह के द्वारा उठाई गई भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा की समस्या दूर करने की मांग को लेकर के समिति गठित कर तीन महीने में रिपोर्ट पेश करने का प्रस्ताव पास हुआ था। जानकारी के अनुसार विधानसभा में पारित प्रस्ताव ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। अभी तक विधानसभा समिति गठित नहीं की गई है। किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री से मिलकर याद दिलाया की कैमूर जिले में 93 मौजा के 1700 एकड़ भूमि अधिग्रहण में किसानों की किमती जमीन के बदले बहुत कम मुआवजा दिया जा रहा है। किसानों ने कहा किसान पिछले दो सालों से लगातार आंदोलन कर रहे हैं। किसानों ने मंत्री से आग्रह किया किसानों की भूमि अधिग्रहण में कम मुआवजा देना एवं अधिग्रहण की विसंगतियों को दूर करने के लिए विधानसभा समिति को तुरंत गठन करने की पहल करें। किसानों की मांग पर मंत्री संतोष कुमार सिंह ने किसान नेताओें का आश्वस्त किया उचित मुआवजा दिलाने का अपना दिया गया वादा पुरा करूंगा। उन्होंने ने कहा पटना जाकर समिति गठित करने की लिए आवश्यक पहल करूंगा। मंत्री ने किसान प्रतिनिधिमंडल से कहा की हम आपके साथ है किसानों को उचित मुआवजा बिना मिले सड़क निर्माण संभव नहीं है।
कैमूर जिले में भारत माला परियोजना के तहत बनारस रांची टु कोलकाता एक्सप्रेस-वे एवं एन एच 219 बाई पास एवं चौरी करण के लिए 100 से अधिक मौजा के सैकड़ों किसानों की 2000 एकड़ से अधिक भूमि अधिग्रहण की जा रही है। भूमि अधिग्रहण में किसानों को बहुफसली भूमि के लिए बहुत कम 2013 सर्किल रेट के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है। कम मुआवजा को लेकर किसानों के द्वारा कैमूर जिले में सड़क निर्माण नहीं होने दे रहे हैं।