Patna Desk: इस बात में कोई दोहराई नहीं है कि, कोरोना का सबसे ज्यादा असर करियर और जॉब पर ही पड़ा है. कई सारी परिक्षाएं कोरोना के कारण रद्द कर दी गई. जिसकी वजह से स्टूडेंस में डिप्रेशन के मामले ज्यादा बढ़ने लगे.
आपको बता दें, देश में कोरोना के कारण बने हालातों के देखते हुए 12वीं की स्थगित बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर Central Board for Secondary Education (CBSE) और Indian Certificate of Secondary Education (CISCE) बोर्ड कई विकल्पों पर विचार कर रहे हैं. इसके तहत परीक्षाएं रद्द कर वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति अपनाना या छोटे प्रारूप में परीक्षा आयोजित कराना शामिल हैं. दरअसल, ज्यादातर राज्यों ने अगस्त में प्रमुख विषयों के लिए छोटी अवधि की परीक्षा आयोजित कराने वाले विकल्प पर सहमति जताई है.
1 जून को परीक्षा पर होगा फैसला
हालांकि, शिक्षा मंत्रालय की तरफ से मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षा के लेकर अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है. इस बारे में 01 जून तक अंतिम फैसला लिया जाएगा. परीक्षा के बारे में मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि स्टूडेंट्स की सुरक्षा प्राथमिकता है, लेकिन परीक्षाएं भी जरूरी हैं. ऐसे में हालात की समीक्षा के बाद इस पर फैसला लिया जा सकता है.
CISCE बोर्ड ने स्कूलों से मांगे स्टूडेंट्स के 11वीं के मार्क्स
इस बीच, CISCE बोर्ड ने अपने संबद्ध सभी स्कूलों से इस साल 12वीं में पढ़ रहे स्टूडेंट्स के 11वीं के फाइनल एग्जाम और 12वीं के सेशनल एग्जाम्स के मार्क्स मांगे हैं. हालांकि, बोर्ड ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि परीक्षा रद्द होने की संभावना है या नहीं. बोर्ड ने स्कूलों को मार्क्स जमा करने का काम 7 जून तक पूरा करने का समय दिया है.
इसके पहले CBSE और CISCE बोर्ड का 12वीं की परीक्षा को लेकर बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामले को 31 मई तक के लिए टाल दिया है. एडवोकेट ममता शर्मा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को याचिका की कॉपी केंद्र, CBSE और CISCE को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. अब मामले पर कल यानी सोमवार को सुनवाई की जाएगी.