चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा तोहफा, नौकरियों और विकास योजनाओं की झड़ी

Jyoti Sinha

बिहार में आगामी चुनावों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनता को बड़ी राहत दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट बैठक में कुल 41 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जो सीधे तौर पर महिलाओं, युवाओं, किसानों, पत्रकारों और आम नागरिकों से जुड़े हैं।इन फैसलों का मकसद राज्य के सामाजिक और आर्थिक ढांचे को मज़बूत बनाना और रोज़गार के नए अवसरों को बढ़ावा देना है।

कैबिनेट के प्रमुख निर्णय इस प्रकार हैं:

🔹 बिहार राज्य युवा आयोग में 6 नए पदों की स्वीकृति, ताकि युवाओं की समस्याएं बेहतर ढंग से सुनी जा सकें।

🔹 कन्या उद्योग योजना को मंजूरी, जिससे ग्रामीण इलाकों की लड़कियों को स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे।

🔹 वरिष्ठ पत्रकारों की पेंशन बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह की गई, पहले यह राशि ₹6,000 थी। इससे बुजुर्ग पत्रकारों को बड़ा सहारा मिलेगा।

🔹 राजगीर में खेल अकादमी के लिए ₹1100 करोड़ स्वीकृत, जिससे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी।

🔹 आंगनबाड़ी और पोषण 2.0 योजना को ₹115 करोड़ की मंजूरी, जिससे बच्चों और माताओं के पोषण स्तर में सुधार होगा।

🔹 इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के तहत कई परियोजनाएं पास:राम मनोहर लोहिया पथ के लिए ₹675.50 करोड़छपरा फ्लाईओवर निर्माण के लिए ₹696.26 करोड़एम्स पटना से दीघा तक रेल-सड़क पुल निर्माण को हरी झंडी

🔹 गन्ना उद्योग से जुड़ी भर्ती नियमावली 2025 को मंजूरी और प्रखंड कृषि अधिकारियों की बहाली का फैसला।

🔹 ग्रामीण कार्य विभाग की नई प्रयोगशाला संवर्ग नियमावली को मंजूरी दी गई।

🔹 मुंगेर के सीताकुंड मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा मिला।

🔹 स्वास्थ्य विभाग में बड़ा एक्शन—लंबे समय से गैरहाजिर 7 डॉक्टरों को सेवा से हटाया गया।

नीतीश सरकार के इन फैसलों से यह साफ संकेत मिलता है कि राज्य सरकार सर्वांगीण विकास को लेकर गंभीर है। यह कदम रोजगार, महिला सशक्तिकरण, खेल, पोषण और आधारभूत संरचना में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। चुनावी मौसम में इन घोषणाओं को जनता के बीच एक मजबूत संदेश के रूप में देखा जा रहा है।

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