पटना से हवाई संपर्क बढ़ाने की दिशा में AAI का बड़ा फैसला, एक समय में पार्किंग में मौजूद रहेंगे 11 विमान

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। बिहार की राजधानी पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पांच नए एप्रन के निर्माण में तेजी आई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) पटना से अन्य शहरों का हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए नये एप्रन-वे (जहां विमान पार्क किए जाते हैं) के निर्माण को मंजूरी दे दी है। निर्माण कार्य के लिए सभी संबंधित संसाधन जुटाए जा रहे हैं। प्रस्तावित एप्रन हवाई अड्डे पर छह मौजूदा एप्रन के अतिरिक्त हैं।

अतिरिक्त एप्रन से शहर के हवाई अड्डे पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल करने में सुविधा होगा। इससे एक समय में 11 विमान आसानी से पार्क हो सकेंगे। एएआई की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत हवाई अड्डे के परिसर में पांच एयरोब्रिज भी बनेंगे, ताकि नए और शानदार टर्मिनल भवन और अन्य हाई-टेक सेवाएं विकसित की जा सकें। एरोब्रिज एक चलंत सुरंग है, जो यात्रियों को मुख्य टर्मिनल भवन से सीधे विमान तक पहुंचने में मदद करेगी। एएआई-पटना के अधिकारियों के अनुसार, एप्रन का निर्माण अगले सप्ताह से शुरू होने वाला है। शहर के हवाई अड्डे पर नई सुविधाओं के विकास के लिए प्रस्तावित स्थल पर सभी आवश्यक उपकरण, मशीनरी, सामग्री और संयंत्र लगाए जाएंगे।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण पटना के प्रोजेक्ट्स इंजीनियरिंग के महाप्रबंधक केएस विजयन ने कहा कि पहले चरण में, दो एप्रन के निर्माण के लिए काम सौंपा गया है। जो पटना हवाई अड्डे के मौजूदा टर्मिनल भवन के पास बनेगा। अगले सप्ताह से काम शुरू होने की उम्मीद है। एक बार जब नया टर्मिनल भवन चालू हो जाएगा, तो मौजूदा टर्मिनल भवन को गिराकर तीन और पार्किंग-वे का निर्माण किया जाएगा। उसी साइट पर, पांच एयरोब्रिज भी आएंगे।

उन्होंने कहा कि एएआई आइसोलेशन-वे, पैरेलल टैक्सी ट्रैक (पीटीटी) के विकास और रनवे की री-कार्पेटिंग के लिए मशीनें भी लगाई जा रही हैं। जिसके बाद नवंबर के अंत से काम शुरू हो जाएगा। विजयन ने ये भी बताया कि एप्रन, आइसोलेशन-वे, पीटीटी और रनवे के री-कार्पेटिंग का काम एक साथ चलेगा और इसके दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है। हम इस पर विचार कर रहे हैं कि काम समय सीमा से पहले खत्म हो जाए।

महाप्रबंधन ने ये भी कहा कि एक 1,730 मीटर लंबा पीटीटी रनवे टर्न पैड टर्मिनल बिल्डिंग के पश्चिमी तरफ मौजूदा पार्किंग-वे को जोड़ेगा। ये सुविधा कम समय में अधिक उड़ानों को समायोजित करके रनवे की उड़ान संचालन क्षमता में सुधार करेगी। जिसके परिणामस्वरूप ईंधन की बचत होगी। अधिकारियों ने कहा कि इससे विमान लैंडिंग के तुरंत बाद रनवे खाली हो जाएगा। उसके बाद टैक्सी-वे के माध्यम से पार्किंग-वे तक जल्द पहुंचा जा सकेगा। आइसोलेशन-वे, 12 एकड़ भूमि में फैला होगा। जिससे हाईजैक या बम खतरे जैसी आपातकालीन स्थितियों का सामना करने वाले विमानों के लिए एक अतिरिक्त पार्किंग मौजूद होगी।

क्या है एप्रन
एप्रन हवाई अड्डे का एक क्षेत्र है। जहां विमान पार्क किए जाते हैं, उतारे जाते हैं या लोड किए जाते हैं। ईंधन भरा जाता है, बोर्ड किया जाता है। उसके साथ रखरखाव किया जाता है। हालांकि, एप्रन का उपयोग नियमों के अनुसार संचालित होता है। जैसे कि वाहनों पर प्रकाश, ये आमतौर पर रनवे या टैक्सी-वे की तुलना में उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक सुलभ है। एप्रन आमतौर पर आम जनता के लिए खुला नहीं होता है। यहां सिर्फ विमानों की पहुंच होती है। विमान पार्किंग के लिए एक एप्रन के निर्दिष्ट क्षेत्रों को विमान स्टैंड कहा जाता है।

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