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राज्यस्तरीय वेबिनार में अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद का बड़ा बयान, राज्य में कुपोषण की समस्या अधिक

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पटना में आयोजित राज्यस्तरीय वेबिनार में समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद ने कहा कि बिहार में समस्या अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है। अभी कोरोना संक्रमण के कारण आंगनबाड़ी केंद्र बंद हैं, लेकिन पोषण सेवा जारी है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर आईसीडीएस की सेवा दे रही हैं।

समुदायिक पोषण को सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पोषण वाटिका महत्वपूर्ण है। बता दें उन्होंने ये बाते कृषि पोषण एंव पोषण वाटिका पर आयोजित एक कार्क्रम में बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पोषण वाटिका पर प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। पहले चरण में राज्य के 4 जिलों में पोषण वाटिका का निर्माण किया गया है। दूसरे चरण में जिन आंगनबाड़ी केन्द्रों के पास अपना भवन होगा। वहां पोषण वाटिका का निर्माण किया जाएगा।

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समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद इस बयान के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये है कि एक तरफ बिहार सरकार बिहार में विकास की बात करती है लेकिन बिहार में कुपोषण की समस्या अधिक है और यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि यह बातें समाज कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद कह रहे हैं। तो ऐसे में क्या माना लिया जाए कि बिहार में कुपोषण से बच्चे पीड़ित हैं और इसको विकास कहा जा रहा है।

ऐसे में क्या ये भी मान लिया जाए कि विकास के दावे की जमीनी हकीकत कुछ और ही है? ऐसे में क्या ये भी  मान लिया जाए कि अधिकारी जिन आकड़ों पर बात कर रहे हैं, उन आकड़ो पर सरकार बात नहीं कर रही है? कम से कम अपर मुख्य सचिव अतुल प्रसाद के इस बयान से तो यही बाते सामने आ रही हैं।

वहीं दूसरे राज्यों की अपेक्षा बिहार में अधिक कुपोषण है। तो अब सवाल ये उठता है कि इस बयान के बाद क्या यह जो रणनीति बनाई गई है, जिसमें पोषण वाटिका का जिक्र किया जा रहा है। इससे बिहार में कुपोषण से राहत मिलेगी? क्या पोषण वाटिका कार्यक्रम चलाकर बिहार में कुपोषित बच्चों को ठीक किया जाएगा या दूसरे बच्चे कुपोषित नहीं होंगे? ये बड़े सवाल हैं जिनका सरकार और अधिकारियों को जवाब देना चाहिए।

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