इस कोरोना काल में लोगों ने घर से कैसे काम करना होता है वो सीख लिया है. लेकिन अब घर में बैठकर ऑफिस का काम करके बोर हो चुके लोग अब घर से बाहर निकलकर टूरिस्ट प्लेस का आनंद लेने के साथ ऑफिस का काम करने की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. इसको वर्क फ्रॉम होटल नाम दिया गया है.
कोरोना के कारण सभी कारोबार प्रभावित हुए हैं. इसमें टूरिज्म इंडस्ट्री बुरी तरह से प्रभावित हुई है. पिछले साल भी कोरोना के कारण टूरिज्म के लिए लोग नहीं आए और इस साल भी कोरोना के कारण पर्यटन के लिए लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं. जिससे टूरिज्म इंडस्ट्री से जुड़े स्थानीय लोगों की आमदनी पर असर पड़ा है. लेकिन घर पर रहकर बोर होते लोगों ने पर्यटन स्थलों का रुख करना शुरू कर दिया है.
क्या है ‘वर्क फ्रॉम होटल’?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बाद ऑफिस जाने के बजाय लोग घरों में कैद होकर ऑफिस का काम कर रहे हैं. घर में रहते-रहते लोग बोर हो चुके हैं. जिसका हल लोगों ने कोविड के नियम का पालन करते हुए वर्क फ्रॉम होटल के रूप में निकाला है.
वर्क फ्रॉम होटल करने के लिए लोग पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. मनाली में एक होटल के मालिक सचिन गुप्ता ने बताया कि मल्टी नेशनल कंपनी (MNC) में काम करने वाले बहुत से लोग होटल में आ कर रह रहे हैं और यहीं से अपना काम कर रहे हैं.
टूरिस्ट कर रहे पहाड़ी इलाकों का रुख
सचिन की मानें तो वर्क फ्रॉम होटल के लिए ज्यादातर लोग दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़ से पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. जिससे थोड़ी ही सही पर होटलों की भी कमाई हो रही है. ये सभी होटल कोरोना गाइडलाइंस का पालन करते हुए बेहतर इंटरनेट सुविधा के साथ वर्क फ्रॉम होटल की सुविधा दे रहे हैं.