बिहार सरकार ने युवाओं और छात्रों के हित में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि अब बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मिलने वाले शिक्षा ऋण पर छात्रों को किसी भी तरह का ब्याज नहीं देना होगा। राज्य सरकार स्वयं इस पूरे ब्याज का वहन करेगी। इस फैसले से लाखों विद्यार्थियों और उनके परिवारों को आर्थिक राहत मिलेगी।ब्याज पर पूरी छूट:पहले इस योजना के अंतर्गत सामान्य श्रेणी के छात्रों को 4% और महिलाओं, दिव्यांग व ट्रांसजेंडर छात्रों को 1% ब्याज देना पड़ता था।
नई व्यवस्था लागू होने के बाद यह पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।लंबी किश्त अवधि:सरकार ने ऋण चुकाने की समयसीमा भी बढ़ा दी है।अब 2 लाख रुपये तक का ऋण 5 साल (60 किस्तों) की जगह 7 साल (84 किस्तों) में चुकाया जा सकेगा।वहीं 2 लाख रुपये से अधिक का ऋण पहले जहां 7 साल (84 किस्तों) में चुकाना होता था, अब उसे 10 साल (120 किस्तों) में निपटाया जा सकेगा।चुनाव से पहले बड़ा फैसला:विशेषज्ञों का मानना है कि यह घोषणा 2025 विधानसभा चुनाव से पूर्व युवाओं को लुभाने की एक बड़ी रणनीति है।
हालांकि, छात्र और उनके अभिभावक इस कदम को लेकर बेहद उत्साहित हैं।प्रतिक्रिया:छात्र संगठनों ने इसका स्वागत करते हुए कहा कि इससे गरीब और ग्रामीण पृष्ठभूमि के बच्चों को सबसे अधिक फायदा होगा। पटना यूनिवर्सिटी के छात्र नेता रवि कुमार ने कहा कि यह कदम शिक्षा को सुलभ बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।शिक्षा जगत की राय:शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज मुक्त ऋण और लंबी चुकौती अवधि से उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों की संख्या में वृद्धि होगी। इससे राज्य में कुशल मानव संसाधन तैयार करने की दिशा में बड़ा योगदान मिलेगा।इस निर्णय को बिहार के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर माना जा रहा है।