बिहार की राजनीति एक बार फिर से चुनावी मोड़ पर आ खड़ी हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदा सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को खत्म हो रहा है। उससे पहले राज्य की 243 विधानसभा सीटों पर नए प्रतिनिधि चुनने की प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
संभावना जताई जा रही है कि चुनाव आयोग अक्टूबर के पहले हफ्ते में आधिकारिक घोषणा कर देगा। चुनावी कैलेंडर इस तरह तय किया जा सकता है:
- 1 अक्टूबर: चुनाव कार्यक्रम की घोषणा और आचार संहिता लागू
- 5 अक्टूबर: पहले चरण की अधिसूचना जारी
- 5 से 12 अक्टूबर: नामांकन की अंतिम तिथि
- 13 अक्टूबर: नामांकन पत्रों की जांच
- 14–15 अक्टूबर: नामांकन वापसी
- 30 या 31 अक्टूबर: पहले चरण का मतदान
- 10 अक्टूबर के आसपास: दूसरे चरण की अधिसूचना
- 5 नवंबर तक: दूसरे चरण का मतदान
- 10 से 12 नवंबर के बीच: मतगणना और परिणाम की घोषणा
35 दिनों में पूरी प्रक्रिया
चुनाव आयोग की योजना है कि घोषणा से लेकर नतीजों तक का पूरा चुनावी सफर करीब 35 दिनों में पूरा हो जाए। इसके लिए आयोग ने 30 सितंबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन तय किया है। यानी पूरे चुनावी शेड्यूल के लिए आयोग के पास सिर्फ दो महीने का वक्त है।
उम्मीदवारों को बराबर मौका
भले ही चुनावी विंडो छोटी हो, लेकिन आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि नामांकन, जांच, वापसी और प्रचार की प्रक्रिया तय कैलेंडर के तहत हो, ताकि सभी दलों को बराबरी का मौका मिले।
अब गरमाएगी सियासत
जैसे ही अक्टूबर की शुरुआत में चुनाव की घोषणा होगी, राजनीतिक तापमान चरम पर होगा। चुनावी रैलियां होंगी, घोषणापत्र सामने आएंगे और जनता तय करेगी कि बिहार की कमान किसके हाथ में जाएगी।