बिहार में विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू हो गई है। केंद्रीय चुनाव आयोग जल्द ही तारीखों का ऐलान कर सकता है। सूत्रों के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य दो आयुक्त जल्द ही बिहार का दौरा करेंगे। यहां वे चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेंगे और अनुमान है कि दशहरे के बाद चुनाव कार्यक्रम सार्वजनिक किया जाएगा।
चर्चा है कि अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में चुनाव की आधिकारिक घोषणा हो सकती है। इस बार आयोग ने दीवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों को ध्यान में रखते हुए शेड्यूल तैयार करने की तैयारी की है। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को जारी होगी, जिसके बाद कभी भी तारीखें घोषित हो सकती हैं।
संभावना जताई जा रही है कि मतदान दो चरणों में हो—पहला चरण नवंबर के शुरुआती हफ्ते में और दूसरा चरण मध्य नवंबर में। 2 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच भी चुनावी तारीखों की संभावना बताई जा रही है।
मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है, इसलिए उससे पहले नई विधानसभा का गठन ज़रूरी है। यही वजह है कि राज्य की सियासत गर्मा गई है। एक ओर एनडीए और महागठबंधन आमने-सामने हैं, तो दूसरी ओर प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी और तीसरे मोर्चे के समर्थक भी पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि इस बार का चुनाव पहले से ज्यादा हाई-वोल्टेज होगा। त्योहारों के बीच तय मतदान कार्यक्रम राजनीतिक दलों की रणनीति को प्रभावित कर सकता है।
इस बार भी सभी सीटों पर ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल होगा। कुल 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदाता अपने प्रतिनिधि चुनेंगे। सुरक्षा इंतज़ाम और मतदाता सुविधाओं पर भी आयोग खास ध्यान देगा।
राजनीतिक दलों ने प्रचार की गति बढ़ा दी है और आने वाले हफ़्तों में चुनावी माहौल और भी तेज़ होने की उम्मीद है। अब सबकी निगाहें आयोग के आधिकारिक ऐलान और चुनावी तारीखों पर टिकी हुई हैं।