बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक बड़ा राजनीतिक मास्टरस्ट्रोक खेला है। प्रसिद्ध लोकगायिका मैथिली ठाकुर आज देर शाम भाजपा की सदस्यता लेने जा रही हैं और दरभंगा जिले की अलीनगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। वहीं, हाल ही में वीआरएस लेने वाले पूर्व IRS अधिकारी सुजीत सिंह भी भाजपा में शामिल होंगे और गौराबौराम सीट से अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगे। दिलचस्प बात यह है कि इस सीट से वर्तमान में उनकी पत्नी विधायक हैं, जिससे स्थानीय राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना है।मैथिली ठाकुर को भाजपा ने उनके लोकप्रिय और सांस्कृतिक चेहरे के रूप में पेश करने की तैयारी की है। दरभंगा-मधुबनी क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता और सांस्कृतिक जुड़ाव पार्टी के लिए बड़ा राजनीतिक फायदा साबित हो सकता है।
पार्टी उन्हें ‘स्वच्छ, परंपरावादी और युवा’ छवि के प्रतीक के रूप में जनता के बीच लाने की रणनीति पर काम कर रही है। भाजपा का लक्ष्य है कि मैथिल और मधेशी समुदाय के साथ-साथ युवाओं और पहली बार मतदान करने वाले वोटरों में भी अपनी पकड़ मजबूत की जाए।वहीं, सुजीत सिंह का भाजपा में शामिल होना संगठन को प्रशासनिक विश्वसनीयता प्रदान करेगा। एक ईमानदार और कार्यकुशल अधिकारी के रूप में उनकी पहचान रही है। भाजपा को उम्मीद है कि उनके जुड़ने से गौराबौराम क्षेत्र में पार्टी की पकड़ और मजबूत होगी।पार्टी सूत्रों का कहना है कि भाजपा 2025 के चुनाव में केवल पुराने नेताओं पर नहीं, बल्कि नई और लोकप्रिय छवियों को भी आगे लाने की रणनीति अपना रही है। इससे पार्टी की छवि युवा और आधुनिक दोनों वर्गों में मजबूत होगी।राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, मैथिली ठाकुर का आना भाजपा की ‘सॉफ्ट पॉवर’ रणनीति का हिस्सा है, जबकि सुजीत सिंह का प्रवेश पार्टी को ‘सशक्त प्रशासनिक चेहरा’ देता है।इस तरह, अलीनगर और गौराबौराम दोनों सीटें भाजपा के लिए रणनीतिक केंद्र बन गई हैं। पार्टी मानती है कि इन दो उम्मीदवारों के जरिए वह पूरे मिथिलांचल में एक मजबूत संदेश दे सकती है — “संगीत और सेवा का संगम ही भाजपा की नई सियासी धुन है।” अब देखना यह होगा कि जनता इस नई धुन को कितना पसंद करती है।