NEWSPR डेस्क। कोलकाता के केशोपुर प्रफुल्ल कानन पंडाल में देवी मां की मूर्ति के साथ ही प्रवासी मजदूरों की भी प्रतिमाएं लगाई गई हैं. जिन्हें कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान अपनी कर्मभूमि छोड़कर वापस अपने घरों को लौटना पड़ा था. इसमें सूटकेस पर सोते हुए बच्चे की प्रतिमा भी लगाई गई है, जिसकी तस्वीर लॉकडाउन के दौरान काफी चर्चा में रही थी.
गर्मी, भूख और थकान से पैदल चलते मजदूरों की फ़ोटोज जब सोशल मीडिया पर वायरल होती थीं तो दिल दहला के रख देती थीं. अपनी लंबी यात्राओं के दौरान कुछ मजदूर बीमार भी पड़े और कुछ ने अपनी जान भी गंवा दी. मजदूरों के उन्हीं बुरे वक्त की याद दिलाती है पंडाल में लगी यह मूर्ति.
लॉकडाउन की वजह से काम बंद हो जाने पर श्रमिक अपने अपने घरों को लौटने पर मजबूर हो गए थे. यही कारण था कि लोगों ने हजारों किलोमीटर की यात्रा पैदल, साइकिल या रिक्शे पर पूरी की.
गर्मी, भूख और थकान से पैदल चलते मजदूरों की फ़ोटोज जब सोशल मीडिया पर वायरल होती थीं तो दिल दहला कर रख देती थीं. ऐसी ही एक फोटो थी रेल ट्रैक पर सोते मजदूरों की.
बिहार की 15 वर्षीय बेटी ज्योति कुमारी ने अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठा कर गुरुग्राम से दरभंगा तक 1200 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा की थी. ज्योति की तस्वीर जब इंटरनेट पर आई तो इसने पूरे देश का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया, यहाँ तक की यूएसए के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका तक ने ट्वीट कर ज्योति की तारीफ की थी.
देश भर में लगभग हर बड़े शहर से प्रवासी मजदूर अपने अपने घरों को चल दिए थे. इतने मजदूरों को परेशान देख रेलवे ने उनके लिए खास श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलवाई ताकि सभी को सुरक्षित घर पहुंचाया जा सके. मजदूरों के उसी खुशी को जाहिर करती है ये प्रतिमा.
विक्रांत कि रिपोर्ट