अगर आपके साथ भी हो रहा ऐसा, कहीं आपको मेनिनजाइटिस तो नहीं? जानें कितना खतरनाक है और इससे कैसे बचें?

Patna Desk

मौजूदा महामारी की भयावह होती स्थिति को देखते हुए, टीकाकरण की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है. यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आपके शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा सिस्टम का उपयोग करके, जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है.

न्यूमोकॉकल निमोनिया की तरह, वायरस और बैक्टीरिया से फैलने वाली कई अन्य बीमारियों की रोकथाम वैक्सीन से की जा सकती है. ऐसी ही एक बीमारी है मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस. इससे होने वाली मृत्यु की दर बेहद उच्च है.

मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करता है और अगर इसका इलाज न किया जाए, तो मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंच सकती है. यहां इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी और इससे बचने का तरीका दिया गया है, जिसके बारे में आपको पता होना चाहिए.

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मेनिनजाइटिस को समझना
मेनिनजाइटिस एक गंभीर संक्रमण है जो मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास की सुरक्षात्मक परत को प्रभावित करता है. यह बीमारी बैक्टीरिया, वायरस और फंगी के कारण हो सकती है. मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस, नीसेरिया मेनिंगिटाइडिस बैक्टीरिया के कारण होता है, इससे, बड़ी महामारी पैदा हो सकती है. यह सांस (ड्रॉपलेट) के जरिए एक व्यक्ति-से-दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है.

अक्सर, लक्षण की शुरुआत के बाद 24 से 48 घंटों के भीतर मरीजों की मौत हो जाती है. यहां तक कि जीवित रहने वालों 5 में से 1 मरीज को आजीवन जटिलताओं का अनुभव हो सकता है, जैसे कि सुनाई न पड़ना, मस्तिष्क क्षति, मानसिक विकलांगता या अंगों की हानि.

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हालांकि मेनिंगोकोकल रोग किसी भी उम्र के व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है, लेकिन यह अक्सर पांच साल से कम उम्र के बच्चों, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी वाले व्यक्तियों, किशोरों और युवा वयस्कों में देखा गया है.

इस बीमारी की रोकथाम में बड़े सुधार हुए हैं. इसका एक निवारक उपाय, टीकाकरण है जो जीवन को बचा सकता है और जटिलताओं को कम कर सकता है. इसके अलावा, स्वच्छता और संक्रमित व्यक्तियों से बच्चों की सोशल डिस्टेंसिंग भी रोकथाम के लिए आवश्यक है. यहां मेनिंगोकोकल रोग व उसके लक्षणों के बारे में सबसे आम सवाल और उनके जवाब दिए गए हैं. इससे आपको पता लग जाएगा कि इसका इलाज कैसे किया जा सकता है.

मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस कैसे फैलता है और इसके लक्षण क्या हैं?
खांसने और छींकने से लेकर खाने- पीने के सामान शेयर करने और एक ही क्वार्टर में करीब रहने जैसे रोजमर्रा के क्रियाकलापों के चलते मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस फैल सकता है. ये बैक्टीरिया नाक और गले में रहते हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में, नज़दीकी संपर्क से आते हैं.

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जब लक्षणों की बात आती है, तो मेनिनजाइटिस आम सर्दी और फ्लू के रूप में दिख सकता है जो जल्दी ही उच्च बुखार या ठंड लगना, भ्रम होना, हाथ और पैर ठंडे होना, मांसपेशियों में गंभीर दर्द होना, गहरे बैंगनी चकत्ते दिखना, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता और गर्दन का अकड़ना जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

मेनिनजाइटिस को कैसे रोकें?
मेनिंगोकोकल बीमारी के खिलाफ अपने बच्चे को बचाने का एक प्रभावी तरीका, टीकाकरण है.

विभिन्न प्रकार के मेनिंगोकोकल रोग के इलाज के लिए अलग-अलग टीके होते हैं. मेनिंगोकोकल ACWY वैक्सीन, भारत में उपलब्ध है, जो चार तरह के मेनिंगोकोकल Serotypes (देखें: 4 types of Meningococcal Diseases or 4 Serotypes) से बचाने में मदद करती है.

मेनिंगोकोकल रोग बेहद गंभीर है और कई जोखिम पैदा करता है, लेकिन बच्चों में समय पर टीकाकरण होने से, उनकी रक्षा करना संभव है. अगर आपके बच्चे को पहले टीका नहीं लगा है, तो अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श करें. हम सब मिलकर, मेनिनजाइटिस के खिलाफ लड़ाई लड़ सकते हैं और जीत सकते हैं.

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