राजद विधायक और दानापुर के बाहुबली नेता रीतलाल यादव अब रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के गंभीर आरोपों में न्यायिक हिरासत में हैं। खगौल थाना कांड संख्या 129/25 के तहत दर्ज मामले में उन्होंने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण किया था। उनके साथ उनके छोटे भाई और तीन करीबी सहयोगी—चिक्कू यादव, पिंकू यादव और श्रवण यादव को भी गिरफ्तार किया गया है।
सभी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।मामले की गंभीरता को देखते हुए एक मई की रात को रीतलाल यादव को पटना के बेऊर जेल से भागलपुर जेल स्थानांतरित कर दिया गया। वहीं, इस रंगदारी प्रकरण में विधायक के दो अन्य सहयोगी—बिजनेस पार्टनर धीरज और सुनील महाजन उर्फ सुनील गुप्ता अब भी फरार हैं।वहीं सुनील गुप्ता, जिनके रूपसपुर स्थित आवास से सात लाख रुपये नगद और ज़मीन से जुड़े दस्तावेज बरामद किए गए थे, ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) की याचिका दायर की थी। हालांकि कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया।यह घटनाक्रम रीतलाल यादव के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है—एक ओर वे खुद जेल में हैं और दूसरी ओर उनके कारोबारी साझेदार फरार हैं, जिससे उनके व्यापारिक हितों पर भी असर पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि राजधानी पटना के बिल्डर कुमार गौरव ने रीतलाल यादव पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और धमकी देने का आरोप लगाया था। इस सिलसिले में खगौल थाने में एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद पुलिस ने दानापुर स्थित रीतलाल यादव के आवास पर छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान 10 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक और 4 पेन ड्राइव बरामद की गई थीं।इस मामले के तूल पकड़ने के बाद 17 अप्रैल को विधायक ने दानापुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। साथ ही, पटना डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर विधायक के गांव कोथवां में बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण के रूप में 17 दुकानों को ढहा दिया गया।मामला अब भी जांच के अधीन है और पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है।