NEWSPR डेस्क। बिहार के समस्तीपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. जहाँ दलसिंहसराय मऊ बाजार, विद्यापति प्रखंड अंतर्गत मऊ धनेशपुर दक्षिण वार्ड नं 04 में सूदखोरी ने एक पूरे हंसते-खेलते परिवार को खत्म कर दिया. पहले कर्ज और फिर उस पर ब्याज दे-देकर परेशान हुए झा परिवार ने साथ फांसी पर लटक कर एक-एक कर सभी दम तोड़ते चले गए. मनोज झा, मनोज झा की माँ, मनोज झा की पत्नी एवं मनोज झा के दोनों बच्चों के साथ एकसाथ फांसी लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली.
बताया जा रहा है कि 4 जून यानि शनिवार की रात को परिवार के पांचों सदस्यों ने फांसी पर लटक गया. जब इसकी जानकारी लोगो को मिली तो चर्चा का विषय बना रहा. एक हंसते-खेलते परिवार का यूं दर्दनाक अंत हो गया. वही पुलिस मौके पर पहुंच कर मामले की जाँच कर आगे की कार्रवाई में जुट गई है. भारत में कर्ज या आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या करना अब बड़ी बात भी नहीं माना जाता है.
मसलन पिछली साल बिहार के सुपौल में भी एक ही परिवार के 5 लोग. ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. लोगों ने बताया था कि आर्थिक तंगी की वजह से परिवार परेशान रहता था. इसी तरह जून 2021 में यूपी के शाहजहांपुर में एक ही परिवार के 4 लोगों ने आत्महत्या कर ली थी. पहले पति-पत्नी ने अपने दोनों बच्चों को फांसी लगाई और फिर खुद भी फंदे पर झूल गए सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी को वजह बताया गया.
ये तो कुछ ही मामले हैं. इंटरनेट पर ढूढेंगे तो ऐसे ढेरों मामले मिल जाएंगे जिसमें आर्थिक तंगी और गरीबी ने पूरा का पूरा परिवार ही खत्म कर दिया. केंद्र सरकार की एजेंसी है नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो. इस एजेंसी की सुसाइड पर रिपोर्ट आई है. ये रिपोर्ट बताती है कि पिछले साल यानी 2020 में सामूहिक आत्महत्याओं के 121 मामले सामने आए जिनमें 272 लोगों की जान चली गई. 2019 की तुलना में मामले 68% और मृतकों की संख्या 51% ज्यादा है.