पटना, 29 अगस्त–
राज्य में ओवरलोड वाहनों खासकर ऑटो और बसों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अगर ओवरलोडिंग के कारण दुर्घटना होती है तो वाहन मालिक और चालक दोनों पर ही नहीं बल्कि अन्य जिम्मेदार लोगों पर भी भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 105 समेत सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। इस धारा में न्यूनतम 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है।
यह जानकारी एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय, सरदार पटेल भवन में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।
हाल के बड़े हादसों का हवाला
एडीजी ने बताया कि हाल के महीनों में कई बड़े हादसे ओवरलोडिंग के कारण हुए हैं –
- 23 फरवरी, मसौढ़ी – ऑटो हादसे में 7 लोगों की मौत।
- 29 मई, डुमरिया – 4 लोगों की मौत।
- 31 जुलाई, आदर्श नगर – 3 लोगों की मौत।
- 23 अगस्त, शाहजहांपुर (दनियावां) – 9 महिलाओं की मौत।
इसके अलावा, जहानाबाद में कुछ दिन पहले स्कूल बस में छेद से गिरकर एक बच्चे की मौत भी हुई थी। इन सभी मामलों में बीएनएस की धारा 105 के तहत केस दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जा रही है।
नाबालिग चालक और अनफिट बसों पर सख्ती
- अगर कोई नाबालिग वाहन चलाते पकड़ा जाता है, तो उस पर भी कड़ी धाराओं में कार्रवाई होगी।
- अनफिट बसों की जांच की जाएगी।
- मालवाहक ऑटो या अन्य वाहनों में यात्रियों को ढोना पूरी तरह प्रतिबंधित है।
- ई-रिक्शा पर स्कूली बच्चों को ले जाने पर भी पहले से ही रोक है।
ट्रैफिक व्यवस्था के लिए नए निर्देश
- पटना समेत बड़े शहरों में जाम रोकने के लिए निर्देश जारी हुए हैं कि सभी चौक-चौराहों से 50 मीटर आगे या पीछे ही ऑटो खड़े होंगे।
- पहले चरण में ऑटो चालकों को समझाया जा रहा है, लेकिन निर्देशों की अनदेखी करने पर सख्त कार्रवाई होगी।
जनता से अपील
एडीजी सुधांशु कुमार ने लोगों से अपील की कि वे ओवरलोड वाहनों में बैठने से बचें और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि समाज में ऐसी गलत परिपाटी को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। साथ ही, स्कूलों में भी बच्चों को ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी जानी चाहिए।