कैमूर,भगवानपुर मे बीते रविवार को प्रखंड के हनुमान घाट के हनुमान मंदिर प्रांगण में भगवान गुह्राराज निषाद की प्रतिमा स्थापित कर उनकी जयंती समारोह मनाई गई, फिर सोमवार की दोपहर भगवानपुर, टोड़ी, मोहनपुर गांव के सड़कों व गलियों में गाजे-बाजे के बीच जुलूस निकालकर उनकी प्रतिभा को सुवर्णा नदी (सुवरा नदी) के पढ़ौती वाले हिस्से में विसर्जित कर दिया गया। जुलूस व विसर्जन से पहले निषाद राज समाज के इस कार्यक्रम में भभुआ विधायक भरत बिंद भी शामिल हुए।
इस दौरान निषाद समाज के कार्यकर्ताओं ने भगवानपुर बाजार में उनका भव्य स्वागत किया। इसी क्रम में विधायक भरत बिंद हनुमान घाट पहुंचे। जहां उन्होंने अपने समर्थकों के साथ महाराज गुह्राराज का प्रसाद ग्रहण किया, फिर छणिक देर के लिए आयोजित हुई संबोधन कार्यक्रम के माध्यम से संबंधित समाज के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि महाराज गुह्राराज भगवान प्रभु श्री राम के सखा थें व निषाद समाज के अराध्य देव हैं। साथ हीं उन्होंने कहा कि निषाद राज के इतिहास का वेद-पुराण में वर्णन है। भगवान श्रीराम जब 14 वर्ष के लिए जब वनवास गए थें तो उनकी मुलाकात भगवान गुह्राराज महाराज से हुई और एक दूसरे से वहीं मित्रता हुई थी। दरअसल गुह्राराज महाराज के हीं कहने पर केवटराज ने भगवान श्रीराम को गंगा पार कराया था। इस दौरान सुदामा कुमार, कन्हैया कुमार निषाद, आनंद निषाद, चंदन निषाद, काजू निषाद, अरविंद निषाद, सुभाष कुमार, गणेश निषाद, सोनू कुमार, बबलू निषाद, रामाशीष निषाद, दिनेश मल्लाह, इंद्रमा निषाद, झुन्नू निषाद इत्यादि कार्यकर्ताओं ने उक्त कार्यक्रम में हिस्सा लिया।