NEWSPR डेस्क। राजधानी पटना से इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है. जहाँ जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह से चरमरा गई हैं. खासकर विभिन्न अस्पतालों की OPD सेवाओं पर व्यापक असर पड़ा है. डॉक्टरों की हड़ताल का सबसे बड़ा खामियाजा उन हजारों मरीजों को भुगतना पड़ रहा है, जो अस्पताल में इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. ओपीडी सेवाा को सुचारू रखने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का असर स्वास्थ्य सेवाओं पर स्पष्ट तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि सूबे के बड़े अस्पतालों में बड़ी तादाद में मरीज रोजाना इलाज कराने के लिए आते हैं. जूनियर डॉक्टर्स का इसमें बड़ा योगदान रहता है, ऐसे में राज्य भर के जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं.
जानकारी के अनुसार बिहार भर के जूनियर डॉक्टर्स लगातार अपनी स्टाइपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इसके बावजूद उनकी मांगों पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया. ऐसे में जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल पर जाने की घोषणा की थी. उसी घोषणा को लेकर जूनियर डॉक्टर्स सोमवार से कामकाज न करने का फैसला करते हुए हड़ताल पर चले गए. PMCH समेत प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं, जिससे अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बाधित हो गई हैं. हालांकि, इस दौरान आपातकालीन सेवाएं पूर्व की तरह बहाल रहेंगी, ताकि इमर्जेंसी में आए मरीजों का इलाज कर उनकी जान बचाई जा सके.
स्टाइपेंड के मुद्दे पर जूनियर डॉक्टरों ने इस बार काफी सख्त रुख अपना लिया है. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि इस बार जब तक उनका स्टाइपेंड नहीं बढ़ाया जाएगा, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे. जूनियर डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने से सूबे के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में मरीजों की परेशानी बढ़ गई है. ओपीडी सेवाओं के बाधित होने से सूबे के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को काफी कठिनाइयों का समाना करना पड़ रहा है.
पटना से विक्रांत की रिपोर्ट…