भागलपुर, 25 दिसंबर 1927 को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने मनुस्मृति का दहन कर सामाजिक समानता और न्याय की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया था।वही इस दिवस को “मनुस्मृति दहन दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वही आज बहुजन संगठनों द्वारा भागलपुर स्टेशन चौक पर डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा के समक्ष मनुस्मृति की छायाप्रति का प्रतीकात्मक दहन किया गया।
बता दे कि वह संगठन के सदस्यों ने केंद्र सरकार की नीतियों और निर्णयों की आलोचना की, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार “मनुस्मृति को पुनर्स्थापित करने” का प्रयास कर रही है। और सभा में इन नीतियों और तथाकथित काले कानूनों के विरोध में विचार व्यक्त किए गए।वही इस कार्यक्रम के माध्यम से सामाजिक समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने का संकल्प लिया गया।वही कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और डॉ. अंबेडकर के विचारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।