NEWSPR DESK PATNA- राज्य के शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण खबर है। अब विश्वविद्यालय और कॉलेजों के शिक्षक छुट्टियों को अपने अधिकार के रूप में नहीं मांग सकेंगे। यदि सेवा की आवश्यकता होगी, तो सक्षम प्राधिकारी को किसी भी प्रकार की छुट्टी को अस्वीकार या रद्द करने का पूरा अधिकार होगा। हालांकि, शिक्षक को केवल अनुशासनात्मक कारणों को छोड़कर छुट्टी पर जाने से नहीं रोका जाएगा।
इसके अलावा, बार-बार मेडिकल लीव के बहाने छुट्टी लेने वाले शिक्षकों पर कड़ा रुख अपनाया जाएगा। यदि कोई शिक्षक बार-बार बीमारी का कारण बताकर छुट्टी लेता है, तो उसे अधिकृत चिकित्सा प्राधिकारी के पास जांच के लिए भेजा जाएगा। जांच रिपोर्ट के आधार पर तय किया जाएगा कि शिक्षक को आराम की आवश्यकता है या वह ड्यूटी के लिए सक्षम है।
इसके साथ ही साथ चिकित्सा आधार पर छुट्टी के लिए पंजीकृत चिकित्सा अधिकारी का मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य होगा। सर्टिफिकेट में बीमारी का विवरण और संभावित अवधि का उल्लेख जरूरी होगा। यह सर्टिफिकेट केवल एमबीबीएस या इसके समकक्ष योग्यता वाले डॉक्टर द्वारा जारी किया जाना चाहिए। चिकित्सा आधार पर छुट्टी पूरी करने के बाद शिक्षक को अपनी फिटनेस का प्रमाणपत्र जमा करना होगा। यदि शिक्षक स्वीकृत अवकाश के बाद तय समय पर ड्यूटी पर नहीं लौटता, तो इसे “ओवरस्टे” माना जाएगा। इस स्थिति में छुट्टी वेतन अस्वीकार किया जा सकता है और इसे कदाचार माना जाएगा, जब तक कि सक्षम प्राधिकारी इसे माफ न करे दें।