नीतीश कुमार का बड़ा फैसला, केके पाठक को शराबबंदी की कमान, पाठक ने अपने कार्यकाल में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराया था

Patna Desk

NEWSPR डेस्क। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी केके पाठक केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार वापस आ गये हैं। उन्हें निबंधन, उत्पाद एवं मद्यनिषेध विभाग का अपर मुख्य सचिव बनाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने बुधवार को इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे केके पाठक पदस्थापन के लिए प्रतीक्षारत थे। अभी तक यह जवाबदेही गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद के पास थी जो मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अतिरिक्त प्रभार में थे। अब उन्हें इससे मुक्त कर दिया गया है।

केके पाठक 1990 बैच के सीनियर आइएएस अधिकारी हैं। वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद पदस्थापन की प्रतीक्षा में थे। इसके पहले भी केके पाठक मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग की कमान संभाल चुके हैं। वर्ष 2016 में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रदेश में शराबबंदी कानून को लागू करने का फैसला लिया था तब केके पाठक को विशेष तौर पर इस विभाग की जिम्मेवारी दी गई थी। पाठक ने अपने कार्यकाल में शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू कराया था, बल्कि शराब के कारोबार में संलिप्त लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर चर्चा में भी आए थे।

लालू को करना पड़ा था ट्रांसफर : ये उस दौर की बात है जब लालू बिहार के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। उसी वक्त उनकी तैनाती लालू यादव गृह के जिले गोपालगंज में बतौर डीएम यानि जिलाधिकारी की गई। तब के के पाठक ने इस जिले में जो जलवा दिखाया उसके बाद लालू को पता चल गया कि उन्होंने गलत दांव खेल दिया है। लालू के करीबी पाठक की कार्यशैली से इतने परेशान हो गए कि अंत में लालू को उनका ट्रांसफर कर सचिवालय बुलाना पड़ गया। हालांकि ये पाठक की बतौर डीएम सिर्फ दूसरी पोस्टिंग ही थी। लेकिन तभी पता चल गया था कि इस अफसर का मिजाज कैसा है।

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