NEWS PR DESK- आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है. साथ ही आज हस्त नक्षत्र, ब्रह्म योग, बालव करण, मंगलवार का दिन और उत्तर का दिशा शूल है. आश्विन की द्वितीया तिथि को मां दुर्गा की दूसरी शक्ति मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाएगी. मां ब्रह्मचारिणी विद्या।
ज्ञान और तपस्या की देवी मानी जाती हैं. इनकी पूजा करने से मानसिक संतुलन, धैर्य और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा करके साधक भक्ति और आत्मबल को बढ़ाता है. मां दुर्गा शक्ति की अधिष्ठात्री हैं और हनुमानजी शक्ति के स्वरूप.
मंगलवार को हनुमानजी की पूजा से कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति अनुकूल रहती है और सभी तरह सभी तरह के भय और कष्ट से मुक्ति मिलती है. मां की शक्ति का ही अंश हनुमानजी में प्रकट हुआ है. जब राम-रावण युद्ध हुआ, तब भगवान राम ने मां दुर्गा की पूजा की थी. उसी समय हनुमानजी ने भी मां शक्ति का आह्वान कर राक्षसों का नाश किया. मां ब्रह्मचारिणी तपस्या और संयम का प्रतीक हैं।
हनुमानजी भी ब्रह्मचारी हैं और जीवन में शक्ति के साथ-साथ ब्रह्मचर्य और संयम का पालन करते हैं. बहुत-सी परंपराओं में कहा जाता है कि जो भक्त मां दुर्गा की पूजा करता है, उसे हनुमानजी का आशीर्वाद स्वतः मिलता है और जो हनुमानजी की पूजा करता है, उसकी रक्षा स्वयं मां करती हैं. चलिए शारदीय नवरात्रि 2025 के दूसरे दिन के शुभ मुहूर्त, अशुभ समय, राहुकाल और दिशाशूल के बारे में जान लेते हैं.