संसद का बजट सत्र आज, शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस सत्र में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को आठवां बजट पेश करेंगी। इस बार का बजट 50 लाख करोड़ रुपये से अधिक का होने का अनुमान है। वित्त मंत्री के सामने आर्थिक मंदी, रुपये की गिरावट और खपत बढ़ाने जैसी प्रमुख चुनौतियां होंगी। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में भारत की वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है, जो हाल के वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। सरकार की प्राथमिकता निवेश बढ़ाने पर होगी ताकि अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।
बजट सत्र की मुख्य बातें-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपने संयुक्त सदन के अभिभाषण से सत्र की शुरुआत करेंगी।वह पारंपरिक बग्गी से संसद भवन पहुंचेंगी और सुबह 11 बजे सदन को संबोधित करेंगी।अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा।
1 फरवरी को आम बजट पेश किया जाएगा।
5 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के चलते संसद की कार्यवाही स्थगित रहेगी।
सरकार ने 16 विधेयकों की सूची तैयार की है, जिनमें वक्फ संशोधन विधेयक, इमिग्रेशन और फॉरेनर्स विधेयक समेत कई अहम वित्तीय विधेयक शामिल हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शुक्रवार को 2024-25 की आर्थिक समीक्षा पेश करेंगी। इस रिपोर्ट को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन की टीम ने तैयार किया है।
बजट सत्र का कार्यक्रम–
पहला चरण: 13 फरवरी को समाप्त होगा।
दूसरा चरण: 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा।सर्वदलीय बैठक में उठा कुंभ हादसे और आर्थिक हालात का मुद्दाबजट सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने कुंभ हादसे को लेकर सरकार पर सवाल उठाए। विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक पर्यटन और वीवीआईपी संस्कृति से जोड़ा और संसद में इस पर चर्चा की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार मृतकों की सही संख्या छुपा रही है।इसके अलावा, विपक्ष ने संविधान, रोजगार, मणिपुर हिंसा, आर्थिक स्थिति और रुपये की गिरावट पर भी चर्चा की मांग की। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (BAC) इन मुद्दों पर चर्चा करने का फैसला करेगी। बैठक में 36 दलों के 52 नेता शामिल हुए। इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और इसे सकारात्मक बताया गया। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक इन सभी मुद्दों को एकजुट होकर उठाएगा।पिछले बजट के प्रमुख प्रभावसोने-चांदी पर आयात शुल्क 9% घटाया गया था, लेकिन तब से सोने की कीमतों में 23% की बढ़ोतरी हुई है।3% ब्याज सब्सिडी के कारण एजुकेशन लोन 17% बढ़ गया।आयकर स्लैब में बदलाव से वेतनभोगी वर्ग को औसतन 22,500 रुपये की कर बचत हुई।इसके बावजूद, सरकार का आयकर संग्रह 15.4% बढ़ा।सरकार का लक्ष्य 32.07 लाख करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह था, लेकिन रेटिंग एजेंसी सीएलएसए के मुताबिक यह लक्ष्य 70 हजार करोड़ रुपये कम रह सकता है।इस बजट से उम्मीद की जा रही है कि यह आर्थिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए नए सुधार और राहत योजनाएं लेकर आएगा।