पटना जिले में राजस्व विभाग की लापरवाही और काम में हो रही देरी पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने फुलवारीशरीफ, दीदारगंज, बिहटा और संपतचक अंचलों के अधिकारियों का वेतन तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्देश दिया है।
यह कदम उन 1,176 लंबित दाखिल-खारिज और राजस्व मामलों के मद्देनज़र उठाया गया है जो 75 दिनों से अधिक समय से अटके पड़े हैं और जिले के प्रदर्शन पर प्रतिकूल असर डाल रहे हैं।
🔎 गंभीर अनियमितताएं उजागर
जिलाधिकारी की राजस्व मामलों की समीक्षा के दौरान यह भी सामने आया कि टेंप (प्रारंभिक भूमि स्वामित्व) से जुड़े 4,325 आवेदन अभी भी लंबित हैं। इन मामलों में शामिल हैं:
- दाखिल-खारिज
- भूमि परिमार्जन
- सीमांकन
- भू-अर्जन
- अतिक्रमण हटाना
- नक्शा सुधार
डीएम ने स्पष्ट किया कि ये सभी प्रक्रियाएं न केवल नियमित प्रशासनिक कार्यों का हिस्सा हैं, बल्कि इनमें कई आपात और प्राथमिकता वाले मामले भी शामिल हैं, जिनमें लापरवाही बिलकुल अस्वीकार्य है।
🗣 सख्त संदेश: “अब बहाने नहीं चलेंगे”
डीएम डॉ. त्यागराजन ने कहा,
“अब जब जिले में बैकलॉग खत्म हो चुका है, तो किसी भी राजस्व मामले का लंबित रहना नाजायज है। लापरवाही के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।”
📝 साप्ताहिक मॉनिटरिंग के निर्देश
उन्होंने भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को निर्देशित किया है कि वे:
- ज्यादा लंबित मामलों वाले हल्कों का निरीक्षण करें
- संबंधित राजस्व कर्मियों की सक्रिय निगरानी रखें
- कार्य की साप्ताहिक रिपोर्ट प्रस्तुत करें