पटना हाईकोर्ट ने चर्चित फिल्म अभिनेत्री नीतू चंद्रा द्वारा अश्लील गीतों पर रोक लगाने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण निर्देश दिया। कोर्ट ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह इस मुद्दे पर आईटी एक्ट के तहत राज्य सरकार के समक्ष अभ्यावेदन दें।
चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को भी स्पष्ट निर्देश दिया कि अश्लील कंटेंट को लेकर तय नियमों के तहत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही कोर्ट ने इस याचिका को निष्पादित कर दिया।इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस मामले में अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा था। साथ ही कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि मामला जनहित याचिका की श्रेणी में कम और निजी शिकायत जैसा अधिक प्रतीत हो रहा है।याचिका में नीतू चंद्रा ने दलील दी थी कि यो यो हनी सिंह उर्फ हिर्देश सिंह के म्यूजिक एल्बम ‘मनिएक’ जैसे गानों में महिलाओं का अश्लील और आपत्तिजनक चित्रण किया गया है। साथ ही महिलाओं को एक वस्तु की तरह पेश कर उनका व्यवसायिक दोहन किया जा रहा है।
याचिका में यह भी कहा गया कि इन गानों में द्विअर्थी शब्दों का इस्तेमाल कर अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिसका बच्चों, महिलाओं और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।इसके अलावा याचिका में यह भी उल्लेख किया गया था कि भोजपुरी गानों में महिलाओं को लेकर खुलेआम अपशब्दों का प्रयोग हो रहा है, जिस पर न तो कोई रोक है और न ही कोई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।याचिकाकर्ता ने संविधान में दिए गए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का हवाला देते हुए कहा कि इसकी भी एक सीमा तय है और जब इसका उल्लंघन होता है तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।कोर्ट में इस याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार ने याचिकाकर्ता की ओर से पक्ष रखा।