NEWSPR डेस्क। कोविड के कारण पटना हाईकोर्ट में सुनवाई बुरी तरह से बाधित हुई है। संक्रमण के मद्देनजर कोरोना की पहली और दूसरी लहर में भी कोर्ट की फिजिकल हियरिंग को बंद किया गया, जिसके कारण पिछले साल से ही कोर्ट का कामकाज पेंडिंग है। बड़ी संख्या में फरियादी अब केवल अपने मामलों को पटना उच्च न्यायालय के सामने सूचीबद्ध करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं।
पटना हाई कोर्ट में कई मामलों को जरूर नहीं मानते हुए उसे टाल दिया जा रहा है। जिसके कारण सभी याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट की ओर रुख कर रहे। रिपोर्ट्स की मानें तो कई ऐसे केस हैं जिस पर सुनवाई नहीं की जा रही है। सुनवाई न होने से परेशान लोग सुप्रीम कोर्ट जा रहे और थोड़ा राहत पा रहे। बिहार सरकार ने हाल में ही कमलादित्य कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को 10 लंबे वर्षों के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया। जिसके बाद कंपनी ने कोर्ट का रुख किया लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इस मामले को गैरजरूरी मानते हुए टाल दिया और सुनवाई नहीं की। जिसके बाद कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। जहां 11 अगस्त को कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया और थोड़ी राहत दी गई।
वहीं उच्च न्यायालय ने यह भी माना कि फर्म का मामला बेहद जरूरी है और पटना उच्च न्यायालय से अनुरोध भी किया कि इस मामले को जल्द से जल्द देखा जाए। वहीं पटना हाइकोर्ट से बेल के लिए इंतजार करने वाले भी अब सुप्रीम कोर्ट जाकर गुहार लगा रहे। वह अपने मामले पटना हाइकोर्ट में सुचिबद्ध करवा रहे। जिसके बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से राहत दी जा रही। इन मामलों को लेकर सुप्रीम कोर्ट बार बार पटना हाई कोर्ट को तलब कर रहा कि वो जरूरी मामलों की सुनवाई करें। बता दें कि पिछले साल से ही कोविड के कारण पटना हाईकोर्ट का कार्य ठप पड़ा है। जिसके कारण आवेदकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा।