पटना की सड़कों पर सियासी टकराव: राहुल गांधी की पदयात्रा और भाजपा का हस्ताक्षर अभियान आमने-सामने

Jyoti Sinha

आज पटना की सड़कों पर सत्ता और विपक्ष आमने-सामने हैं। राजधानी का माहौल पूरी तरह सियासी रंग में डूबा हुआ है। एक तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी ‘वोट अधिकार यात्रा’ के अंतिम चरण में हैं, वहीं दूसरी ओर भाजपा ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर पलटवार करने का ऐलान कर दिया है।

राहुल गांधी की पदयात्रा गांधी मैदान से निकलकर एसपी वर्मा रोड, डाकबंगला चौराहा, कोतवाली होते हुए इनकम टैक्स गोलंबर और फिर बेली रोड स्थित अंबेडकर पार्क तक जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि इसी रूट पर मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स में भाजपा का बड़ा कार्यक्रम भी तय है, जहां डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा, प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे।

भाजपा का दावा है कि उनका अभियान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता के खिलाफ इंडी गठबंधन नेताओं की कथित अभद्र टिप्पणियों का जवाब है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने इस पर अब तक चुप्पी साध रखी है, जिससे उनकी मानसिकता उजागर होती है। इसी मुद्दे को लेकर पार्टी कार्यकर्ता जनता से हस्ताक्षर के जरिए समर्थन जुटा रहे हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस ने भी भाजपा पर तीखा हमला बोला है। बिहार कांग्रेस का कहना है कि भाजपा की साजिशें अब जनता समझ चुकी है। पार्टी का आरोप है कि हाल ही में भाजपा कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की। कांग्रेस का दावा है कि ‘वोट अधिकार यात्रा’ अब सिर्फ यात्रा नहीं रही, बल्कि यह जनांदोलन का रूप ले चुकी है, जिसने लोगों को ‘वोट चोरी’ के खिलाफ खुलकर आवाज उठाने का साहस दिया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जैसे 29 अगस्त को दोनों दलों के कार्यकर्ता आमने-सामने आ गए थे, वैसी स्थिति आज भी बन सकती है। इसी खतरे को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। गांधी मैदान से लेकर अंबेडकर पार्क तक हर चौराहे पर जवान तैनात हैं। खासकर डाकबंगला से इनकम टैक्स चौराहे तक पुलिस बलों की मौजूदगी ज्यादा बढ़ा दी गई है और रूट प्लान भी जारी किया गया है।

कुल मिलाकर, पटना आज राष्ट्रीय राजनीति का केंद्र बन गया है। राहुल गांधी की पदयात्रा और भाजपा का विरोधी अभियान राजधानी में सियासी तापमान बढ़ा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि दिन का समापन शांतिपूर्ण तरीके से होता है या फिर पटना की सड़कों पर टकराव का नया दौर देखने को मिलता है।

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