बिहार के दरभंगा शहर में मेट्रो रेल का सपना अब हकीकत की ओर बढ़ रहा है। यह परियोजना न केवल शहर के ट्रैफिक जाम की समस्या को सुलझाने में मदद करेगी, बल्कि उत्तर बिहार के लिए एक नई परिवहन सुविधा का रास्ता भी खोलेगी।मेट्रो परियोजना के पहले चरण में करीब 12.70 किलोमीटर लंबा रूट तय किया गया है, जिस पर कुल 12 स्टेशन बनाए जाएंगे। दरभंगा डीएम राजीव रौशन ने जानकारी दी कि शहर के सबसे भीड़भाड़ वाले हिस्सों में मेट्रो का ट्रैक भूमिगत यानी अंडरग्राउंड रहेगा, जिससे निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय लोगों को कम से कम परेशानी हो।
पहले चरण के 12 स्टेशन इस प्रकार हैं:1. दरभंगा एयरपोर्ट
2. दिल्ली मोड़ रानीपुर
3. पीटीसी
4. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU)
5. दरभंगा रेलवे स्टेशन
6. होलीक्रॉस स्कूल
7. दोनार चौक
8. डीएमसीएच (दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल)9. लहेरियासराय
10. जिला कोर्ट
11. खाजासराय
12. पंडासराय व रामनगर आईटीआई
LNMU से लहेरियासराय तक का हिस्सा भूमिगत बनाया जाएगा, जबकि बाकी स्टेशन जमीन पर या एलिवेटेड होंगे।दूसरे चरण में 8 और स्टेशन जुड़ेंगेमेट्रो परियोजना के दूसरे फेज में लहेरियासराय समाहरणालय से सोभन स्थित एम्स निर्माण स्थल तक का रूट शामिल है।
इस सेक्शन पर 8 स्टेशन बनाए जाएंगे-
1. लहेरियासराय समाहरणालय
2. सैदनगर
3. एकमी घाट
4. चित्रगुप्त नगर
5. एफ-16. एफ-27. एम्स निर्माण स्थल (सोभन)इस रूट से दरभंगा के मेडिकल और प्रशासनिक केंद्रों तक सफर करना बेहद आसान और तेज हो जाएगा।निर्माण कार्यों में तेजी, प्रशासनिक निगरानी जारीदरभंगा में मेट्रो निर्माण को लेकर प्रशासन और एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं। बीएसआरडीसी और राइट्स लिमिटेड के अधिकारी लगातार साइट निरीक्षण कर रहे हैं। डीएम राजीव रौशन की अगुवाई में कई अहम बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें परियोजना की तकनीकी चुनौतियों और यातायात प्रबंधन पर चर्चा की गई है।प्रशासन का लक्ष्य है कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में निर्माण के दौरान लोगों को कम से कम दिक्कत हो और परियोजना तय समय पर पूरी हो सके।