पटना: बिहार सरकार ने महिला सरकारी कर्मियों की सुविधा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब महिला कर्मचारियों को उनके कार्यस्थल के नजदीक आवास उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे उन्हें आने-जाने की असुविधा का सामना न करना पड़े। इस योजना के तहत सरकार निजी मकानों को किराए या पट्टे पर लेकर महिला कर्मियों को आवास मुहैया कराएगी।
इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने एक दिशा-निर्देश जारी किया है। यह फैसला 2025-26 के बजट में की गई उस घोषणा के अनुपालन में लिया गया है, जिसमें राज्य सरकार ने महिला सिपाहियों के लिए थानों के आसपास आवास की सुविधा देने की बात कही थी।
आवेदन की प्रक्रिया और मकान चयन की व्यवस्था
महिला कर्मियों को कार्यालय के ज़रिए अपने अनुमंडल पदाधिकारी को आवास की जरूरत का आवेदन देना होगा। इसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी इच्छुक मकान मालिकों से Expression of Interest (EOI) यानी रुचि पत्र आमंत्रित करेंगे।
प्राप्त प्रस्तावों पर एक विशेष समिति विचार करेगी, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी करेंगे। इस समिति में एसपी, स्थानीय निकाय के प्रतिनिधि, भवन निर्माण विभाग के अभियंता और अनुमंडल पदाधिकारी शामिल होंगे। मकानों का चयन तयशुदा किराया दर के भीतर ही किया जाएगा और सुरक्षा, बिजली, पानी, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं मौजूद होना अनिवार्य होगा।
चयनित मकानों के लिए मकान मालिकों से पट्टे पर लेने का समझौता किया जाएगा।
महिलाओं के लिए बड़ा राहत कदम
बिहार सरकार में महिलाओं को 37 प्रतिशत आरक्षण प्राप्त है। खासकर पुलिस विभाग में 30 हजार से अधिक महिला सिपाही कार्यरत हैं, जिनमें कई की पोस्टिंग दूरदराज और असुविधाजनक इलाकों में है। इस योजना से उन महिला कर्मियों को बड़ी राहत मिलेगी जिन्हें हर दिन घर से आना-जाना मुश्किल होता है।