बुधवार को बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन उस वक्त तनाव का माहौल बन गया जब विपक्षी विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच मुख्य द्वार पर तीखी बहस और धक्का-मुक्की जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। विपक्षी विधायक काले कपड़े पहनकर मतदाता पुनरीक्षण, राज्य में बढ़ते अपराध और अन्य जनसमस्याओं के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे।प्रदर्शन के दौरान एक विधायक को सुरक्षाकर्मी द्वारा कथित तौर पर धक्का दिए जाने की बात सामने आई, जिससे मामला और गर्मा गया। इस घटना के बाद विपक्षी विधायकों ने सुरक्षाकर्मियों के रवैये का कड़ा विरोध किया।
स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सत्ता पक्ष के विधायकों को मुख्य द्वार की जगह दूसरे द्वार से सदन में प्रवेश करना पड़ा।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष के इस प्रदर्शन को “फालतू” करार दिया और इसे गैर-जरूरी बताया। वहीं विपक्ष का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज दबा रही है।गौरतलब है कि एक दिन पहले ही विधानसभा में भारी हंगामा देखा गया था, जब विपक्षी विधायकों ने सारी मर्यादाएं तोड़ते हुए वेल में उतरकर जमकर नारेबाजी और तोड़फोड़ की। राजद विधायक रणविजय साहू और विजय कुमार रिपोर्टर की टेबल पलटने की कोशिश करते नजर आए, जबकि सतीश दास और सुरेंद्र राम को उनके सहयोगी टेबल पर चढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि, हर बार मार्शलों ने हस्तक्षेप कर हालात संभालने की कोशिश की।सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले इस हंगामे के बीच महज़ 22 और 30 मिनट की दो पालियों में बिना किसी चर्चा के 6 विधेयक पारित कर दिए गए, जिससे लोकतंत्र की गंभीरता पर सवाल उठने लगे हैं।