साहिबगंज में भीषण जल संकट, कर्मचारी को वेतन न मिलने से ठप पड़ी पानी की आपूर्ति

Patna Desk

भागलपुर-साहिबगंज क्षेत्रीय प्रशासन की लापरवाही और जल विभाग की अनदेखी ने हजारों लोगों को गंभीर जल संकट में धकेल दिया है भागलपुर-साहिबगंज के इंदिरा कॉलोनी समेत आसपास के इलाकों में बीते दो दिनों से पानी की आपूर्ति पूरी तरह ठप है चौंकाने वाली बात यह है कि इस संकट के पीछे एकमात्र कारण है.

वॉटर वर्क्स के कर्मचारी ‘बादल’ को महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किया जाना स्थानीय सूत्रों और मीडिया जांच के अनुसार, कर्मचारी बादल को पिछले कई महीनों से वेतन नहीं मिला है, जिस कारण वह क्षेत्र में पानी की सप्लाई बंद कर चुका है इस एकल कर्मचारी की जिम्मेदारी में इंदिरा कॉलोनी सहित अन्य इलाकों की जलापूर्ति आती है वेतन न मिलने की नाराज़गी और परिवार चलाने में हो रही परेशानी के चलते उसने पानी सप्लाई बंद कर दी, जिससे करीब 1000 परिवारों यानी लगभग 10,000 लोग पानी के लिए तरस रहे हैं स्थानीय निवासी मोहम्मद अमन रजा ने बताया कि अब उन्हें कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है गर्मी अपने चरम पर है और इस भीषण मौसम में पीने के पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ रही है इंदिरा कॉलोनी की निवासी रेखा देवी कहती हैं, “हम सुबह चार बजे से लाइन में लगते हैं, पास के इलाकों से पानी लाकर गुजारा कर रहे हैं इस संकट को लेकर क्षेत्र में आक्रोश फैल गया आज मंगलवार को स्थानीय लोगों ने नगर निगम के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी के साथ आगजनी की इस विरोध प्रदर्शन में पूर्व वार्ड पार्षद भी शामिल हुए और उन्होंने नगर निगम पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया पूर्व पार्षद मोहम्मद इफ्तिखार आलम ने कहा,यह केवल प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि आम जनता के साथ किया गया अन्याय है। जब एक कर्मचारी को महीनों तक वेतन नहीं दिया जाएगा तो वह काम कैसे करेगा और इसका खामियाजा 10 हजार लोग भुगत रहे हैं वहीं, स्थानीय चिकित्सक डॉ. अमित कुमार ने बताया कि क्षेत्र में जब पानी आता भी है, तो वह बेहद गंदा होता है गंदा पानी पीने से बच्चों और बुज़ुर्गों में पेट से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं यह पानी पीने लायक नहीं है नगर निगम को इस पर तत्काल संज्ञान लेना चाहिए,उन्होंने कहा प्रदर्शनकारी लोगों ने कहा कि – संबंधित कर्मचारी को तुरंत वेतन भुगतान किया जाए, क्षेत्र में पानी की आपूर्ति अविलंब बहाल की जाए, सप्लाई वाटर की गुणवत्ता में सुधार हो,नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो.

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