NEWSPR DESK- किसी को ऑक्सीजन सिलिंडर चाहिए तो किसी को बेड की जरूरत है। इतना ही नहीं सामान्य मरीजों को भी अस्पताल में भर्ती होने और दवा के लिए पुलिस की मदद लेनी पड़ रही है। पुलिस के कंट्रोल रूम पर रोजाना इस तरह की मदद के लिए कॉल आ रहे हैं। पुलिसकर्मी लोगों को हर संभव मदद दिलाने के प्रयास में लगे हैं। वे कोरोना योद्धा बनकर ड्यूटी के साथ ही इंसानियत का फर्ज निभा रहे हैं।
गर्भवती महिला की प्रसव पीड़ा हो या फिर अन्य किसी बीमारी से हो रही परेशानी इन सबका भी ख्याल रखा जा रहा है। एंबुलेंस चालक हों, पत्रकार हों, अस्पताल के डॉक्टर से लेकर अन्य कर्मी हों या फिर अन्य दफ्तरों में ड्यूटी करने वाले वारियर्स इसके लिए बधाई के पात्र हैं। जो इंसानियत को निभाते हुए अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना पीड़ितों की मदद तो कर ही रहे हैं अन्य लोगों को भी हर संभव मदद पहुंचा रहे हैं।
मगर अपनी ड्यूटी निभाने से बाज नहीं आ रहे हैं। वारियर्स जब अपने घर लौटते हैं तो उनके घर वाले समझ पाते हैं कि आज लौट आया, उन्हें नहीं मालूम कल क्या होगा। लेकिन इसी बीच खबर आती है कि लोगों की सेवा करने वाले डॉक्टर, चिकित्साकर्मी, पत्रकार, दफ्तरों में काम करने वाले के बारे में सूचना मिलती है कि आज वो भी हमारे बीच नहीं रहे। सोचिए उनके बारे में इन सारी घटनाओं के बाद भी अपनी ड्यूटी निभाने से नहीं कतराते हैं।
जब घर से ड्यूटी के लिए लोग निकलते हैं तो उनके घर वाले एक फौजी की तरह विदा करते हैं। जब तक उनके परिजन ड्यूटी से वापस नहीं आ जाते उनको संशय बना रहता है। इतना के बावजूद भी घर वाले अपने घर से वारियर्स को भेजने से कम उन्हें चेतावनी नहीं देते। एहितायत बरतने के लिए सारी बातें एक सांस में कह देते हैं ताकि वारियर्स लोगों की सेवा के दौरान खुद को भी सुरक्षित रख सकें।
मास्क पहनने और सैनिटाइजर के प्रयोग के लिए पुलिस लगातार लोगों को जागरूक कर रही है। बाजार में आने वाले 80 प्रतिशत लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। 20 प्रतिशत ऐसे मिलते हैं, जो मास्क नहीं लगाते हैं। इनमें बड़ी संख्या में वाहन चालक और मजदूर वर्ग के होते हैं। ऐसे में इन लोगों को जागरूक किया जाता है। बताया जाता है कि मास्क लगाएंगे तभी कोरोना संक्रमण से बच पाएंगे। उनको मास्क का भी वितरण किया जाता है। ऐसे में लोग मान भी जाते हैं। जो लोग जानबूझकर मास्क नहीं लगाते उनके चालान काटे जाते हैं।
पटना से राजन सिंह की रिपोर्ट…