बिहार सरकार ने राज्य के हर गांव में खेल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर पंचायत में एक खेल मैदान बनाने का बड़ा फैसला लिया है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए 652 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। राज्य की 6808 ग्राम पंचायतों में जल्द ही इन खेल मैदानों का निर्माण शुरू होगा। सरकार ने इस परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का लक्ष्य रखा है, जिसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं।मनरेगा के तहत होगा निर्माणइस परियोजना का क्रियान्वयन मनरेगा योजना के तहत किया जाएगा। सरकार की योजना है कि मार्च 2025 तक सभी ग्राम पंचायतों में खेल मैदान तैयार हो जाएं। कोशिश है कि अगले साल तक अधिकतर पंचायतों में कम से कम एक खेल मैदान बनकर तैयार हो जाए।
हर मैदान में होंगी ये सुविधाएं
प्रत्येक खेल मैदान में चार बुनियादी खेल सुविधाएं अनिवार्य रूप से दी जाएंगी:1. बास्केटबॉल कोर्ट 2. बैडमिंटन कोर्ट3. वॉलीबॉल कोर्ट4. दौड़ का ट्रैकइसके अलावा, जमीन की उपलब्धता के आधार पर अन्य खेलों जैसे फुटबॉल के मैदान की सुविधाएं भी जोड़ी जाएंगी।
जमीन और बजट की व्यवस्था
6808 पंचायतों के लिए खेल मैदानों की जमीन चिह्नित कर ली गई है, जबकि शेष पंचायतों में जमीन की तलाश जारी है। प्रत्येक खेल मैदान के निर्माण पर करीब 10 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि निर्माण सामग्री, मजदूर और मिस्त्रियों की व्यवस्था सुनिश्चित करें ताकि काम शीघ्र शुरू हो सके।
राज्य में खेल को बढ़ावा देने की पहल
इस परियोजना के माध्यम से सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में खेल को प्रोत्साहन देना और युवाओं को खेल के लिए एक उपयुक्त मंच प्रदान करना है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पहल को ग्रामीण विकास और खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम बताया।यह परियोजना न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करेगी, बल्कि रोजगार सृजन में भी मददगार साबित होगी।