जीवन में सच्चा विद्यार्थी वही होता है जो हर दिन कुछ नया सीखने की कोशिश करता है। आज दिनांक 17 अप्रैल 2025 की सुबह 8 बजे, एसीएस शिक्षा विभाग, डॉ. एस. सिद्धार्थ इसी सोच को साकार करते नज़र आए। वे अपने एरोनॉटिकल कौशल को निखारते हुए विमान CESSNA 172 में एकल उड़ान का अभ्यास कर रहे थे।
डॉ. सिद्धार्थ का मानना है कि सीखने की कोई उम्र या सीमा नहीं होती। व्यक्ति तभी विकास के पथ पर अग्रसर रह सकता है, जब वह हमेशा खुद को एक विद्यार्थी मानते हुए नया जानने और समझने की कोशिश करता रहे।उन्होंने यह संदेश भी दिया —”सीखने की चाह ही सफलता की असली कुंजी है। जब तक हम सीखते रहेंगे, तब तक हम अपने सपनों को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ते रहेंगे।”तो आइए, हम भी इस प्रेरणा से सीखें और अपनी जिज्ञासा को हमेशा जीवित रखें।