इशारों ही इशारों में कह दिया मंदबुद्धि : बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर जमकर निशाना साधा है। तेजस्वी यादव ने उनपर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष की आरक्षण के प्रावधानों और उसकी अवधारणा की बे सिरपैर की समझ पर हँसी आती है। तेजस्वी ने कहा कि बात यहां मेधावी आरक्षित वर्गों के छात्रों को जानबूझकर आरक्षित कोटे में ही सीमित कर देने की संघी साज़िश की बात हो रही थी, तो मंदबुद्धि महोदय को लगा कि आरक्षित वर्गों के छात्रों के अच्छे अंक आने से किसी को तकलीफ है।
आरक्षण की ‘क..ख..ग’ की भी समझ नहीं : तेजस्वी यादव ने कहा कि भाजपाई प्रदेश अध्यक्ष को तो यह भी ज्ञात नहीं BPSC की विगत 2-3 प्रतियोगी परीक्षाओं में आरक्षित वर्गों के छात्र ही टॉप कर रहे हैं। संजय जायसवाल ने स्वयं ही सिद्ध कर दिया कि उन्हें आरक्षण लागू करने की “क..ख..ग” भर भी समझ नहीं। साथ ही तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्हें तो यह भी पता नहीं कि नियम यह है कि जनरल कोटा के सभी 50% सीट सभी छात्रों के अंकों के आधार पर भरने होते हैं। अगर किसी SC, ST या OBC वर्गों के छात्र के अंक पहले 50% सीटों के लिए मेरिट लिस्ट में आते हों तो मोबिलिटी के आधार पर आरक्षित वर्ग का छात्र या छात्रा सामान्य वर्ग की 50% सीटों में स्थान पाएगा, ना कि अपने SC, ST या OBC वर्ग के लिए आरक्षित सीटों में। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आरक्षण का यही नियम है और इसी के अनुसार मेरिट लिस्ट बनना चाहिए पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को या तो इसकी जानकारी नहीं, या फिर संघी बुद्धि जानबूझकर इन्हें कुतर्कों का सहारा लेकर बिहार में आरक्षित वर्गों के साथ भाजपाई नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा किए जा रहे अन्याय को छुपाने के लिए बाध्य कर रहा है।
अंत में तेजस्वी यादव ने कहा कि आरक्षण विरोधी अज्ञानी संघियों से अपील है कि अपने मस्तिष्क पर ज्यादा ज़ोर ना दें और स्वस्थ रहें और अपने बेढब ज्ञान और आरक्षण की अधकचरा समझ से आरक्षण पर कुठाराघात करने की जुर्रत ना करें, नहीं तो वंचित उपेक्षित वर्ग बिहार में तीसरी नंबर की पार्टी के कंधे पर टिकी उनकी बची खुची उधार की राजनीति को भी ठिकाने लगा देंगे।