राजधानी पटना में डेंगू की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है। बीते एक हफ्ते में ही 72 से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए हैं। सिर्फ पिछले 24 घंटे में 10 नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता और गहरी हो गई है। अगस्त महीने में अब तक कुल 158 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा मरीज कंकड़बाग, पटना सिटी, पाटलिपुत्र, दीघा और दानापुर इलाके से सामने आए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे गंभीर संक्रमण का संकेत मान रहे हैं।
नए हॉटस्पॉट बन रहे इलाके
पिछले 24 घंटे में मिले मरीजों में तीन मुसल्लहपुर, दो-दो छज्जूबाग और बाजार समिति क्षेत्र से हैं। जबकि बाइपास, संदलपुर और गुलजारबाग से एक-एक मामला मिला है। इसके अलावा पोस्टल पार्क, योगीपुर, बोरिंग कैनाल रोड, गोला रोड और फुलवारीशरीफ को भी अब डेंगू के नए हॉटस्पॉट के रूप में चिन्हित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इन क्षेत्रों में खास सतर्कता बरतने को कहा है।
अस्पतालों में विशेष इंतजाम
एनएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ. राजीव रंजन सिन्हा ने बताया कि इस समय मेडिसिन विभाग में दो मरीज भर्ती हैं। अस्पताल प्रशासन ने डेंगू रोगियों के लिए 40 बेड रिजर्व कर दिए हैं। जरूरत पड़ी तो बेड की संख्या और बढ़ाई जाएगी। मरीजों को मेडिकेटेड मच्छरदानी दी जा रही है और ओपीडी में आने वाले संदिग्ध मरीजों की तुरंत जांच की जा रही है।
साफ-सफाई ही बचाव का उपाय
डॉक्टरों का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए घर और आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमले, बाल्टी और पुराने टायर का पानी नियमित रूप से खाली करें। दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। शुरुआती लक्षण जैसे तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, बदन दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते दिखें तो तुरंत जांच कराएं।
सितंबर में बढ़ सकता है खतरा
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई, तो सितंबर में हालात और बिगड़ सकते हैं। ऐसे में जागरूकता और सतर्कता ही डेंगू के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।