अररिया-गलगलिया रेललाइन का ट्रायल सफल, पूर्वोत्तर बिहार को मिली नई कनेक्टिविटी की सौगात

Patna Desk

बिहार में रेलवे विकास को गति देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अररिया से गलगलिया के बीच 110 किलोमीटर लंबी नई रेललाइन का सफल ट्रायल रन पूरा कर लिया है। यह रेलमार्ग पूर्वोत्तर बिहार को उत्तर बंगाल और पूर्वोत्तर भारत से जोड़ने के लिए एक वैकल्पिक और आधुनिक संपर्क व्यवस्था प्रदान करेगा।

सोमवार को इस ट्रायल की शुरुआत ठाकुरगंज स्टेशन से पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के महाप्रबंधक (निर्माण) अरुण कुमार चौधरी के नेतृत्व में की गई। निरीक्षण के दौरान उन्होंने स्टेशन के ढांचे, यात्री सुविधाओं, सिग्नलिंग सिस्टम, ट्रैक की मजबूती और सुरक्षा प्रबंधों की बारीकी से जांच की। ट्रायल ट्रेन ने तेज रफ्तार में पूरा रेलखंड तय कर सभी तकनीकी पहलुओं का परीक्षण किया।

लंबे इंतजार का हुआ अंत, इलाके में खुशी का माहौल

इस रेललाइन के संचालन की खबर से पूरे क्षेत्र में हर्ष का वातावरण है। गलगलिया स्टेशन पर स्थानीय लोगों ने महाप्रबंधक का जोरदार स्वागत किया। अररिया से भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह भी निरीक्षण में शामिल हुए और जानकारी दी कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इस मार्ग पर यात्री ट्रेनों का परिचालन शुरू हो जाएगा। इससे पूर्णिया, कटिहार, अररिया और आसपास के लाखों लोगों को सीधा लाभ मिलेगा।

इस परियोजना के तहत कुल 15 रेलवे स्टेशन और एक हाल्ट स्टेशन का निर्माण किया गया है। जिन प्रमुख स्टेशनों को शामिल किया गया है, उनमें गलगलिया, ठाकुरगंज, कुर्साकाटा, बीबीगंज, टेढ़ागाछ, पौआखाली और अररिया कोर्ट प्रमुख हैं।

इतिहास और निवेश

2004-05 में स्वीकृत इस परियोजना का शिलान्यास वर्ष 2006 में ठाकुरगंज में किया गया था। उस समय के सांसद मु. तस्लीमुद्दीन और तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव इस मौके पर मौजूद थे। हालांकि निर्माण कार्य को रफ्तार 2019 के बाद ही मिल सकी।

परियोजना पर कुल लगभग 2132 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं, जिसमें 1632 एकड़ भूमि का अधिग्रहण भी शामिल है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह रेलमार्ग न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा, बल्कि व्यापार, परिवहन और सामाजिक-आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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