बिहार सरकार की दो योजनाएं महिलाओं को दे रहीं आर्थिक मजबूती और रोजगार के अवसर

Jyoti Sinha

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बिहार सरकार लगातार प्रयासरत है। इसी कड़ी में दो प्रमुख योजनाएं — मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना और मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना — महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं। इन योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार न केवल महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा दे रही है, बल्कि उन्हें स्वरोजगार और उद्यमिता की राह पर भी अग्रसर कर रही है।


मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना

इस योजना का उद्देश्य बिहार के हर परिवार से कम से कम एक महिला को उसकी पसंद का रोजगार शुरू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसे ग्रामीण विकास विभाग द्वारा बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) के माध्यम से लागू किया जा रहा है।

मुख्य विशेषताएं:

  • प्रत्येक परिवार की एक महिला को 10,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जाती है ताकि वह अपना काम शुरू कर सके।
  • काम शुरू करने के बाद जरूरत पड़ने पर 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है।
  • योजना से महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और राज्य की अर्थव्यवस्था, दोनों को मजबूती मिल रही है।

पात्रता शर्तें:

  • परिवार का अर्थ है — पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे। अविवाहित वयस्क महिला, जिनके माता-पिता नहीं हैं, उन्हें एकल परिवार माना जाएगा।
  • शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं लाभ ले सकती हैं।
  • आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • आवेदिका या उसके पति आयकर दाता या सरकारी कर्मचारी नहीं होने चाहिए।

आवेदन प्रक्रिया:

  • शहरी क्षेत्रों की महिलाएं जीविका की वेबसाइट www.brlps.in पर जाकर आवेदन कर सकती हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अपने ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन जमा कर सकती हैं।
  • जो महिलाएं स्वयं सहायता समूह से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें पहले समूह की सदस्यता लेनी होगी।

मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना

यह योजना महिलाओं में उद्यमिता और स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के लिए शुरू की गई है। इसके तहत राज्य सरकार 10 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद देती है, जिसमें से 50% राशि अनुदान (गैर-वापसी योग्य) और 50% ब्याज-मुक्त ऋण के रूप में दी जाती है।

मुख्य उद्देश्य:

  • महिलाओं को 10 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना।
  • उद्यमशीलता प्रशिक्षण (Entrepreneurship Training) के माध्यम से महिलाओं को व्यवसाय शुरू करने के लिए सक्षम बनाना।
  • ट्रांसजेंडर समुदाय को भी योजना के तहत शामिल किया गया है।

पात्रता मानदंड:

  • आवेदक बिहार की स्थायी निवासी महिला या ट्रांसजेंडर होनी चाहिए।
  • न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता — 10+2, आईटीआई, पॉलिटेक्निक या समकक्ष डिप्लोमा।
  • उम्र 18 से 50 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • व्यवसाय एकल या साझेदारी फर्म के रूप में पंजीकृत होना जरूरी है।
  • योजना सभी जातियों और वर्गों के लिए समान रूप से लागू है।
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