ये कैसा फरमान? स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने छीन ली प्रेस की आजादी, बिहार के सरकारी अस्पतालों में आपातकाल दौर!

Sanjeev Shrivastava

NEWSPR डेस्क। इस वक्त की सबसे बड़ी खबर सामने आ रही है जहाँ सूबे के सरकारी अस्पतालों से निकलकर आ रही है. जहां आपातकाल की स्थिति उतपन्न हो गई है. मरीज बेहाल, जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर, सिनियर निजी क्लिनिकों में और PMCH के प्रिंसिपल और अधीक्षक सरकारी चापलूसी करने में मस्त हैं, व्यस्त हैं. चारों ओर चीख चीत्कार की आवाज गूंज रही है.

मशवरा करने की बजाय फरमान जारी :-

जूनियर डॉक्टरों से सरकार बातचीत करने की बजाय फरमान जारी कर रही है. अलोकतांत्रिक तरीके से जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को खत्म कराने की कोशिश जारी है. PMCH के अधीक्षक और प्रिंसिपल इतने बेबस और लचार हो गए हैं कि जूनियर डॉक्टरों को हॉस्टल से पुलिसिया ताकत से निकालने की तैयारी कर रहे हैं.

मीडिया पर पाबंदी :-

आपातकाल के बाद पहली बार PMCH में मीडिया के ऊपर भी पाबंदियां लगाई गई हैं. जगह-जगह नोटिस चस्पा कर वीडियो, फोटो फुटेज, बनाने पर रोक लगा दी गई है, यानी निहत्थे पत्रकारों से PMCH के अधीक्षक, प्रिंसिपल और सरकार डर गई है. हर हाल में लोगों की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.

गौरतलब है कि लोकतंत्र में अपनी बातों को रखना, मर्यादित ढंग से विरोध करना कहीं से भी अनुचित नहीं है. लेकिन जूनियर डॉक्टरों के भरोसे ही सरकारी अस्पतालों का क्रियान्वयन करना कहीं से भी जायज नहीं है.

पटना से विक्रांत के साथ चंद्रमोहन की रिपोर्टर…

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