पटना –
राज्य में जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया को लेकर एक बड़ा खुलासा सामने आया है, जो टैक्स चोरी की आशंका को और मजबूत करता है। नियम के मुताबिक, 30 लाख रुपये या उससे अधिक की संपत्ति खरीदते समय खरीदार का PAN नंबर देना अनिवार्य है, लेकिन आयकर विभाग की जांच में पता चला है कि कई रजिस्ट्रेशन ऑफिस इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
पटना और गया रजिस्ट्रेशन ऑफिस जांच के घेरे में
आयकर विभाग ने पटना और गया के निबंधन कार्यालयों में 2021-22 से 2023-24 तक के हजारों रजिस्ट्री रिकॉर्ड की गहराई से जांच की।
जांच में सैकड़ों ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें 30 लाख से अधिक की जमीन खरीदी गई, लेकिन दस्तावेजों में या तो PAN नंबर नहीं है, या फिर फर्जी PAN दिया गया है।
कुछ मामलों में फॉर्म-60 तक नहीं भरा गया, और उसकी सूचना विभाग को नहीं दी गई, जो नियमों का साफ उल्लंघन है।
संभावित टैक्स चोरी पर आयकर विभाग सख्त
इन लापरवाहियों को आयकर विभाग ने संभावित टैक्स चोरी की साजिश के रूप में लिया है।
बिना PAN इतनी बड़ी राशि की संपत्ति खरीदने वालों से अब उनकी आय के स्रोत की जानकारी मांगी जा सकती है।
इसी क्रम में, बीते दिनों पटना निबंधन कार्यालय में दस्तावेजों की घंटों छानबीन की गई, जबकि इसी हफ्ते गया ऑफिस में छापा मारा गया और सभी संदिग्ध दस्तावेज जब्त कर लिए गए।
कारण बताओ नोटिस और फॉरेंसिक जांच
जिन निबंधन कार्यालयों ने जानबूझकर PAN से जुड़ी जानकारी को नजरअंदाज किया, उन्हें अब कारण बताओ नोटिस भेजे जा रहे हैं।
इसके अलावा, फॉरेंसिक जांच की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
सभी जिलों में सर्वे की तैयारी
आयकर विभाग अब अन्य जिलों में भी चरणबद्ध रूप से जांच अभियान चलाने की योजना पर काम कर रहा है।
इस कार्रवाई का उद्देश्य राजस्व हानि को रोकना और बेनामी लेनदेन पर लगाम लगाना है।