बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए रविवार से महिला रोजगार योजना की शुरुआत की। जैसे ही इसका ऑनलाइन पोर्टल खोला गया, महिलाओं में भारी उत्साह देखा गया। सिर्फ पहले दिन ही राज्यभर से करीब 20 लाख महिलाओं ने आवेदन किया। अधिकारियों का अनुमान है कि जल्द ही यह संख्या 70 लाख तक पहुँच सकती है।
पहले ही चरण में मिली बड़ी सफलता
योजना के तहत हर परिवार से एक महिला को स्वरोजगार शुरू करने के लिए सीधे बैंक खाते में 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। भुगतान इसी महीने से शुरू कर दिया जाएगा। छह माह बाद कामकाज की प्रगति का आकलन होने पर दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त राशि भी उपलब्ध कराई जाएगी। पटना के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने जानकारी दी कि जिले की 5.09 लाख जीविका दीदियों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
महिलाओं को उद्यमी बनाने का लक्ष्य
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि प्रत्येक परिवार से कम से कम एक महिला को उद्यमिता से जोड़कर आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाया जाए। पटना कलेक्ट्रेट में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में जीविका दीदियाँ और अधिकारी मौजूद रहे। महिलाओं ने इस पहल को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि इससे उनके जीवन में नया बदलाव आएगा।
ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू होगी योजना
ग्रामीण इलाकों में आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जबकि शहरी क्षेत्रों में महिलाएँ 10 सितम्बर 2025 से आवेदन कर सकेंगी। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएँ आवेदन क्षेत्रीय संगठन (ALO) या नगर निकाय की मदद से कर पाएंगी। वहीं, जो महिलाएँ समूह से जुड़ी नहीं हैं, वे www.brlps.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं।
पात्रता शर्तें
- आवेदिका की उम्र 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए।
- महिला स्वयं या उनके पति आयकरदाता नहीं होने चाहिए।
- सरकारी नौकरी (नियमित या संविदा) करने वाली महिला योजना का लाभ नहीं ले सकती।
- लाभार्थी का स्वयं सहायता समूह से जुड़ा होना अनिवार्य है।
शिकायत का प्रावधान भी तय
यदि पंजीकरण के लिए किसी भी तरह की राशि मांगी जाती है तो महिलाएँ ग्रामीण क्षेत्र में जीविका के प्रखंड/जिला कार्यालय या संबंधित पदाधिकारियों को शिकायत कर सकती हैं। वहीं शहरी क्षेत्रों में शिकायत नगर निकाय कार्यालय में दर्ज कराई जा सकेगी। आवेदन पूरी तरह निःशुल्क है।