आदर्श वैवाहिक जीवन के प्रतीक हैं युवा उद्यमी संजीव श्रीवास्तव-पूजा श्रीवास्तव

Patna Desk

पटनाः कहते हैं ईश्वर किसी को यूं ही नहीं मिलाता, बल्कि कुछ खास प्रयोजन होता है। किसी भी जोड़ी को बनने पर यह माना जाता है कि ईश्वर ने किसी विशेष कार्य को स्थापित करने के लिए धरती पर साथ मिलाया है। ये बात सौ फिसदी सही भी है। आज हम बात कर रहे हैं पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन संजीव श्रीवास्तव और पीआर न्यूज की मैनेजिंग एडिटर पूजा श्रीवास्तव की। आप दोनों को सबसे पहले बधाई। ईश्वर आपकी जोड़ी को सलामत रखें। लेखक मुरली मनोहर श्रीवास्तव ने इनके सालगिरह पर कहा कि विवाह को ईश्वर का आशीर्वाद माना गया है।

भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी, भगवान शिव और देवी पार्वती, श्रीराम और माता सीता, राधा और श्रीकृष्ण — यह सभी दैवी जोड़े केवल हमारे धार्मिक इतिहास के पात्र नहीं, बल्कि आदर्श वैवाहिक जीवन के प्रतीक हैं। जो हमें यह सिखाती हैं कि प्रेम में त्याग, समर्पण और सेवा का भाव कितना महत्वपूर्ण होता है। इन्ही पदचिन्हों पर संजीव श्रीवास्तव और पूजा श्रीवास्तव चलकर नई ईबारत लिख रहे हैं। इस युगल जोड़ी की सफलता की कहानी बताते हुए श्री मुरली ने कहा युवा उद्यमी संजीव श्रीवास्तव को भीड़ का हिस्सा बनना कभी पसंद नहीं रहा है बल्कि भीड़ से अलग कुछ कर दिखाने की चाहत हमेशा बनी रहती है। एमबीए की पढ़ाई कर ये एक बड़ी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के रुप में ज्वाइन किए और आगे चलकर अपनी मेहनत के बूते उसी कंपनी में सीईओ तक का सफर तय किया।एक बात का इन्हें हमेशा से मलाल रहा कि पटना में लोग रहने के लिए अपने एक आशियाने के लिए तरसते हैं। कुछ वर्षों बाद इन्होंने नौकरी छोड़ दी और एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में बहुत कम पैसे की पगार पर ज्वाइन कर काम को सीखने लगे। तीन माह बाद दूसरी कंपनी में फिर से जीएम बने। इसके बाद कुछ अलग करने की तमन्ना की वजह से 7 सितंबर, 2018 को अपनी खुद की कम्पनी पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड और ड्रीम प्रोजेक्ट की स्थापना कर डाली।

इसके तहत हर किसी के सपनों का घर हो इस परिकल्पना को पूरा करने के लिए अपनी पत्नी पूजा श्रीवास्तव के साथ पूरी शिद्दत से अपार्टमेंट निर्माण कार्य से जुड़ गए और नई कीर्ति खड़ा कर दी। पल्लवी राज कंस्ट्रक्शन की शुरुआत ही आगे चलकर एक समूह में तब्दील हो गई। वैसे संजीव श्रीवास्तव अपनी बेटी श्रृणिका को लकी मानते हैं और अपनी उपलब्धि का श्रेय बेटी को देते हैं। आज की तारीख में इनकी कंपनी ‘गोवा सिटी’,सगुना मोड़, दानापुर, ‘’ सिंगापुर सिटी‘’, पटना एम्स, ‘श्रृणिका’, बेली रोड, पटना के साथ सबके सपनों को पूरा करने में जुटे हैं। समाजसेवा में गहरी रुचि रखने की वजह से कोरोना महामारी के दौरान भी इन्होंने अपने यहां काम करने वाले किसी भी कर्मी को न हटाया और न ही किसी के पैसे में कटौती की। हमेशा सकारात्मक सोच के साथ काम करने का नतीजा रहा कि आज यह दंपत्ति नित्य नई इबारत लिख रहे हैं।सोहन लाल द्विवेदी की वो पंक्ति इन पर सटिक बैठती है-लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती.कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।

-मुरली मनोहर श्रीवास्तव

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