मुंगेर मुख्य शहर में तिलकुट के कई दुकान हैं। लेकिन शहर का गांधी चौक एवं शादीपुर तिलकुट व्यवसाय के लिए प्रसिद्ध है और यहां तिलकुट की बड़ी मंडी सजती है । स्थानीय लोग तो इस व्यवसाय से जुड़े ही हैं लेकिन गया एवं नवादा और गया जिले के तिलकुट कारीगर और व्यवसायी भी यहां कारोबार के लिए पहुंचते हैं जो भाड़े पर जगह लेकर कारोबार करते है। यहां की अर्थ व्यवस्था भी कुछ हद तक इस कारोबार पर टिकी हुई है । यू तो नवंबर माह से ही तिलकुट की सोंधी खुशबू से वातावरण खुशनुमा हो जाता है । लेकिन मकर संक्राति का मुख्य मिठाई तिलकुट माना जाता है । नवंबर माह से ही मुंगेर में तिलकुट का निर्माण चालू हो जाता है जो जनवरी माह तक चलता है । इस दौरान यहां तिलकुट का कारोबार लाखों में होता है । मुंगेर में कई प्रकार के तिलकुट को बनाया जाता है । चीनी का तिलकुट , गुड़ का तिलकुट , खोवे वाला तिलकुट मुख्य रूप से बनाया जाता है । जो खाने में काफी स्वादिष्ट होता है ।
व्यवसायी कालू कुमार ने कहा कि वे नवादा और गया के रहने वाले हैं । नवंबर को मुंगेर में तिलकुट कारीगर मुंगेर आ जाते है और तिलकुट का कारोबार करते हैं । जनवरी माह तक यह व्यवसाय चलता है. एक दिन में 5 से 8 हजार तक की बिक्री होती है ।वहीं तिलकुट खरीदने आए खरीदारों ने बताया कि तिलकुट जो पहले गया से बन कर यहां आता था अब यहां ही मिलने लगा है । जिसका स्वाद काफी खास होता है । इस तिलकुट को संदेश के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है ।जिसे खास कर लोगों बेटियों के ससुराल दही चुरा के साथ इस तिलकुट को भी भेजना पसंद करते है ।